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सोयाबीन फसल पर बारिश का असर, दाना काला, भाव कम

 

Badwani News: एक ओर अतिवृष्टि की मार, दूसरी ओर मंडी में सोयाबीन के घटते भाव ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। चार दिन पहले हुई तेज बारिश के कारण क्षेत्र के कई गांवों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ। मौसम बीते दो दिनों से खुला हुआ है और तेज धूप निकलने से किसान अब तेजी से फसल कटाई में लगे हुए हैं। अधिकांश किसान हार्वेस्टर मशीन से कटाई करवा रहे हैं ताकि यदि फिर बारिश हुई तो बची हुई फसल भी नष्ट न हो जाए।

गुरुवार सुबह तक इस सत्र में कुल वर्षा औसतन अधिक रही है, जिससे कई खेतों में मिट्टी में नमी बनी हुई है। अब भी कई जगहों पर पानी का स्तर ऊँचा है और आसपास के जलस्रोत लबालब हैं। बटवाड़िया डेम, मनसागरा तालाब और अन्य छोटे तालाबों में पानी भरा हुआ है।

किसानों ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन के दाने कई स्थानों पर काले पड़ गए हैं और उत्पादन भी घट गया है। कटाई के दौरान जहां काम चल रहा है, वहां औसत उत्पादन लगभग 2 से 3 क्विंटल प्रति बीघा ही मिल रहा है। दाना काला पड़ने के कारण गुणवत्ता प्रभावित हुई है, जिससे उचित भाव मिलना कठिन होगा।

मंडी में भी सोयाबीन की आवक और भाव प्रभावित हुए हैं। आवक में कमी दर्ज की गई है क्योंकि किसानों को कम भाव मिल रहे हैं और लागत निकालना मुश्किल हो रहा है। इस दौरान मंडी में कुल 4176 क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई तथा बिकी दरें न्यूनतम 2400 और अधिकतम 4590 रुपये प्रति क्विंटल रहीं; औसत भाव लगभग 3000 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा। इससे स्पष्ट है कि अधिकांश किसानों की आमदनी पर असर पड़ेगा।

किसान हार्वेस्टर व मजदूरों की मदद से कटाई करवा रहे हैं और भाव बढ़ने की उम्मीद बनाए हुए हैं, अन्यथा कई किसानों के लिए लागत व लाभ का संतुलन बिगड़ सकता है। कृषि अधिकारी कह रहे हैं कि मौसम सूखा रहने पर नुकसान रुक सकता है; सरकार की खरीद नीति में सुधार से किसानों को राहत मिल सकती है। तुरंत कदम आवश्यक।