मध्य प्रदेश के 16 नगर निगम में 4 हजार से अधिक जगह अवैध प्लॉटिंग 1लाख 40000 लोग फंसे
अवैध कॉलोनियों को लेकर सरकार की सख्ती के तमाम दावों के बीच यह खबर चौंकाने वाली है। मप्र के 16 नगर निगम क्षेत्रों में ही 4 हजार से अधिक जगह अवैध प्लॉटिंग की जा रही है और 1.40 लाख लोगों ने इनमें प्लॉट भी खरीद लिए हैं, जबकि ये न तो रेरा में रजिस्टर्ड हैं, न ही टीएंडसीपी से अप्रूवल है। इन लोगों को न बिजली-पानी कनेक्शन मिल पा रहा है, न लोन की सुविधा। ये जानकारी खुद नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अप्रैल में तैयार रिपोर्ट में सामने आई है। सभी नगरीय निकायों को जोड़ लिया जाए तो अवैध प्लॉटिंग का आंकड़ा 8 हजार से ऊपर है। इंदौर में सर्वाधिकल 800 जगह ऐसी हैं।
दरअसल, भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाया जाना है और बाकी नगर निगमों को भी इसी तर्ज पर डेवलप करने की योजना है। ऐसे में अवैध प्लॉटिंग को रोकना बड़ी चुनौती है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अब सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। भोपाल में 600 से अधिक जगह अवैध प्लॉटिंग है।
इंदौर में है सबसे अधिक 800 जगह
कौन सी जगह पर कितनी अवैध प्लॉटिंग
इंदौर 800, भोपाल 600 ,ग्वालियर 600, जबलपुर 391, खंडवा 350 ,रतलाम 200,
छिंदवाड़ा 185, उज्जैन 178, सागर 170, कटनी 168 ,सतना 139
मुरैना 100, देवास 97, रीवा 72 बुरहानपुर 13
अवैध कॉलोनी के मामले में सिर्फ पंचायत से एक परमिशन लेकर कृषि योग्य भूमि में ही इसे बना दिया जाता है। अब ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार 50 लाख रु. तक जुर्माना और 10 साल तक की सजा का प्रावधान करने जा रही है।