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Burhanpur News: स्टाफ की नियुक्ति न होने से लावारिस पड़ा अस्पताल, कांच फूटे, दरवाजे टूटे

 

Burhanpur News:ग्राम बोरी बुजुर्ग में 1.65 करोड़ रुपए की लागत से बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार है। डेढ़ साल पहले यह भवन स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर हुआ था। इसके बाद से अब तक यहां कोई चौकीदार तैनात नहीं किया गया। नतीजा यह हुआ कि असामाजिक तत्वों ने भवन को नुकसान पहुंचाया। मेन गेट और खिड़कियों के कांच टूटे पड़े हैं। दरवाजे उखड़े हुए हैं। लोहे के दरवाजे का एक हिस्सा गायब हो चुका है।

भवन ग्राम बोरी बुजुर्ग से आधा किलोमीटर दूर रोहिणी रोड पर बना है। इसमें 16 कमरे हैं। ओपीडी, पुरुष और महिला वार्ड, जनरल वार्ड, पैथालॉजी, इंजेक्शन रूम, स्टोर, औषधि केंद्र, फीडिंग रूम और शौचालय शामिल हैं। लेकिन स्टाफ की नियुक्ति नहीं होने से अब तक अस्पताल शुरू नहीं हो सका। अब तक करीब 30 से 40 हजार रुपए का नुकसान हो चुका है। इसके बाद भी विभाग के अफसरों ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं की है। अब अधिकारी शिकायत करने की बात कह रहे हैं।

इलाज और डिलीवरी के लिए मरीजों और गर्भवती महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। 10 हजार वर्ग फीट में अस्पताल भवन बना है। चारों ओर तार फेंसिंग की थी, लेकिन लोहे का दरवाजा टूटा पड़ा है। जनवरी 2024 में निर्माण एजेंसी ने यह भवन स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ को हैंडओवर कर दिया था। हर शनिवार को यहां हाट बाजार लगता है। आसपास गंदगी और शोर बना रहता है। निर्माण एजेंसी के पदाधिकारी ने बताया- निर्माण के दौरान हर सप्ताह तोड़फोड़ होती थी। तब चौकीदार रखा गया था। भवन हैंडओवर होने के बाद एजेंसी ने चौकीदार हटा लिया। इसके बाद से भवन की देखरेख नहीं हो रही।

बीएमओ बोले- मुझे नहीं हुआ हैंडओवर

बीएमओ डॉ. विनोद कुमार जोनवार ने कहा- ठेकेदार ने उन्हें हैंडओवर नहीं किया है। नियम के अनुसार बीएमओ को ही हैंडओवर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- अगर सीएमएचओ को हैंडओवर किया गया है तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। कई बार सीएमएचओ को आवेदन देकर हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी करने, फर्नीचर और स्टाफ की मांग की है। जब तक हैंडओवर नहीं होता, तब तक जिम्मेदारी नहीं लेंगे।
इन गांवों के लोगों को मिलना है लाभ

गांव की आबादी 5 हजार है। आसपास के गांवों को मिलाकर यह संख्या 10 हजार तक पहुंचती है। यहां अस्पताल नहीं है। इलाज के लिए लोगों को धूलकोट और बुरहानपुर जाना पड़ता है। अस्पताल शुरू हुआ तो बोरी बुजुर्ग के साथ दवाटिया, गड़ताल, अम्बा, परतत्कुंडिया, बसाली, सराय, उतांबी, चिखलिया, झिरपांजरिया, रोहिणी, धवड़ियापानी और आसपास की फलियों को सुविधा मिलेगी।