mp news:मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा
e khabar today: कर्मचारियों के रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने और टैक्स कलेक्शन में गड़बड़ी पाए जाने पर मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। इन शिकायतों के बाद नगर निगम कमिश्नर ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने नगर निगम में काफी समय से पैर जमाए बैठे कर्मचारियों और अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
नगर निगम में वार्ड कर्मचारियों का रिश्चत लेते हुए एक वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद टैक्स कलेक्शन में भी गड़बड़ी की शिकायतें कमिश्नर को मिली थी। इन शिकायतों के बाद कमिश्नर ने अब यहां काफी समय से जड़ें जमाए बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। कमिश्नर की तरफ से पहले जोनल अधिकारियों को बदला गया। अब इंजीनियर और बाबुओं की सूची तैयार की गई है। इनमें ऐसे कर्मचारी व अधिकारी हैं, जिनको एक ही विभाग में नौकरी करते हुए काफी वर्ष बीत चुके हैं। इस सूची में कुछ ऐसे अधिकारी भी हैं, जिन्होंने 2003 में नगर निगम में नौकरी मिली थी और अपनी पूरी सर्विस एक ही विभाग में निकाली दी है।
अधिकारियों पर सुनवाई नहीं करने के आरोप
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने निगम की बैठक में आरोप लगाया था कि नगर निगम में अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। कई सालों से एक ही विभाग में इंजीनियर अधिकारी और कर्मचारी अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे हैं। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सालों तक नौकरी करने वालों पर गाज
वर्ष 2010 से अब तक इंजीनियर लालजी चौहान बिल्डिंग परमिशन सेल में ही नौकरी कर रहे हैं। इसी प्रकार 22 साल से एई महेश सिरोहिया, 2003 से राजाराम अहिरवार भी यहीं जमे हुए हैं। 2003 से नंदकिशोर डेहरिया भी अब तक एवं डीके सिंह राजधानी परियोजना प्रशासन से प्रतिनियुक्ति पर आकर एक ही विभाग में 2018 तक जमे रहे। एई गोपीलाल चौधरी 22 साल से, अंकित शाक्य, अमित दुबे, श्रीपदा दीक्षित ने 2018 में नौकरी ज्वाइन करने के बाद भवन अनुज्ञा से संबंधित काम संभाले हुए हैं। इसी प्रकार बाबुओं में सुनील जैन 30 साल, राकेश लहरिया 30 साल, मोहम्मद साबिर 20 साल, तपेंद्र सिंह 10 साल, रामचरण मालवीय 15 साल, सरिता बर्वे 22 साल, साधु प्रसाद खंडित 22 साल, सिद्दीकी हसन को भी 25 साल एक ही विभाग में हो गए हैं।
स्टाफ बदला जाएगा
नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण ने कहा कि जोनल अधिकारियों के प्रभारों में परिवर्तन कर दिया गया है। अब एक ही विभाग में लंबे समय से काम कर रहे अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को भी बदला जाएगा।