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शहर के नालों में कचरा डंपिंग, नपा की सफाई व्यवस्था पर सवाल 

 

MP News: नगर पालिका सफाई के मामले में जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही है। शहर के मुख्य नाले अब डंपिंग साइट के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं। हर साल गर्मियों में जेसीबी से सफाई की जाती है, लेकिन लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी नालों की हालत नहीं बदलती। नालों में कचरा फेंकने से रोकने के कोई कड़े इंतजाम नहीं हैं, जिससे कचरा प्रबंधन में नगर पालिका फेल साबित हो रही है।

शहर के पश्चिमी हिस्से से पूर्व की ओर बहने वाला पानी मनियर तालाब के नीचे से होकर शहर के बीचों-बीच मुख्य नाले से जाधव सागर और सख्या सागर झील में जाता है। पूरे नाले में गंदगी जमी हुई है। खासकर कोर्ट रोड सब्जी मंडी से बड़े पुल और जाधव सागर तक ज्यादा कचरा है। कोर्ट रोड सब्जी मंडी के पीछे नाले को भारी मात्रा में डंपिंग साइट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन नगर पालिका कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

प्रभारी मंत्री ने 20 अगस्त 2025 को लुहारपुरा पुलिया पर जाकर फावड़े से खुद गंदगी समेटी और सफाई पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी। इसके बाद नगर पालिका ने पुलिया और आसपास के नालों की सफाई कराई, जिससे वहां अब कचरा साफ दिखता है।

मुख्य नालों में कचरा डंपिंग की कुछ प्रमुख जगहें हैं

थीम रोड बड़े पुल के पास: दुकानदार पुल से ही कचरा फेंक देते हैं। पुल से ठंडी सड़क की ओर कुछ जगहों पर नालों में डंपिंग साइट बनी हुई है। रोकथाम के कोई कड़े कदम नहीं हैं।

कोर्ट रोड सब्जी मंडी के पीछे: सड़ी-गली सब्जियां, फल और पॉलीथिन कचरा नाले में फेंका जा रहा है। नाले के पास ही सुबह थोक फल मंडी लगती है।

पुराने बस स्टैंड के पास: उत्तरी दिशा से बहने वाला नाला मुख्य नाले में मिलता है। बच्चे भी कचरे में प्लास्टिक ढूंढने के लिए उतर जाते हैं।

बायपास रोड पोहरी चौराहा: रोड किनारे कचरा डंप किया जा रहा है, जो पानी के साथ नाले में बहकर मुख्य नाले में पहुँचता है।

नगर पालिका ने बताया कि नालों में कचरा फेंकने वालों को चिन्हित करके चालानी कार्रवाई की जाएगी। इस बार बारिश से पहले करीब 8 लाख रुपए खर्च कर नालों की सफाई कराई गई है।