{"vars":{"id": "115716:4925"}}

Chhatarpur News: तालाब सूखने से मछली पालन ठप

 

Chhatarpur News: जिला मुख्यालय से उत्तर दिशा में 10 किलोमीटर दूर महोबा रोड पर ग्राम पंचायत खौंप स्थित है। यह गांव चंदेल कालीन तालाब के कारण प्रसिद्ध है। खौंप तालाब 251 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। कभी इस तालाब से छतरपुर शहर को पेयजल की आपूर्ति की जाती थी, पर अब धसान पेयजल योजना शुरू हो जाने के कारण खौंप तालाब से पानी सप्लाई रोक दी गई है।

खौंप गांव की अर्थव्यवस्था तालाब के ऊपर आश्रित है। गांव के करीब 100 परिवार मछली पालन के कारोबार से आश्रित हैं। इसी प्रकार तालाब के किनारे गर्मियों में खेती करने वालों की आबादी भी मछली पालकों के बराबर ही है, पर बारिश कम होने के कारण हर साल गर्मियों में सूख जाता है। इस साल भी तालाब सूख गया है। इसका विपरीत प्रभाव ग्रामीणों के हालात पर पड़ रहा है। तालाब के हर सूख जाने के कारण मछली पालन का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

इस कारण से मछुआरों का रोजगार पूरी तरह से छिन गया है। गांव में करीब 300 एकड़ कृषि योग्य जमीन है,लेकिन तालाब में पानी की कमी के कारण कृषि को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही सब्जी उत्पादक किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रही है। सब्जी किसानों के पास जमीन बहुत कम है। तालाब सूखने केकारण 4 माह तक सब्जी का उत्पादन ठप हो जाता है। इससे सब्जी किसानों को भारी परेशानी हो रही है। मछली पालक और छोटे किसानों का रोजगार छिन गया है।

इस कारण से खौंप गांव में पलायन हो रहा है। खौंप ग्राम पंचायत में ललन जू का पुरवा और बड़ेरा पुरवा गांव भी हैं। इन तीनों गांव में पलायन हो गया है। ग्राम पंचायत में करीब 300 परिवारों के लोग पलायन कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर अहिरवार, रैकवार और कुशवाहा समाज के परिवार शामिल हैं। ग्राम पंचायत में शिक्षा का स्तर भी बहुत कमजोर है। खौंप गांव में रहने वाले सिर्फ दो व्यक्ति ही शासकीय शिक्षा में है। ग्राम पंचायत में दो मिडिल स्कूल हैं। एक खौंप गांव में और दूसरा ललन जू का पुरवा में है। कक्षा 8 वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को निवारी या छतरपुर जाना पड़ता है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है।

अस्पताल का अभाव

स्वास्क के भी कोई साधन नहीं है। ग्रामीण को सर्दी जुकाम के इलाज के लि भी छतरपुर जाना पड़ता है।