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सागर जिले के किसान ने पहली बार उगाया काबुली चना, अब सस्ते बीज दे रहे

 

Chhatarpur News: सागर जिले के देवरी क्षेत्र के किसान अनिल मिश्रा ने परंपरागत खेती छोड़कर पहली बार काबुली (डॉलर) चने की खेती की है। यह खेती उनकी मेहनत और सही तकनीक की वजह से सफल रही। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में आमतौर पर देसी चना उगाया जाता है, लेकिन उन्होंने दस साल पहले नई किस्म काबुली चना लगाई।

काबुली चना हल्की शुष्क जलवायु और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में बेहतर उगता है, जो सागर की जलवायु के अनुकूल है। अनिल मिश्रा ने बीज को पहले गमले में उगाकर परीक्षण किया, फिर खेत में बोया। उन्होंने प्रति एकड़ 40 किलो बीज लिया और बीज बोते समय कतारों के बीच 18 इंच की दूरी रखी। बुवाई के दौरान दाने को डेढ़ से दो इंच गहरा लगाया गया ताकि बारिश में पानी जमा न हो।

खरपतवार नियंत्रण के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाई गई, जिससे पानी सीधे जड़ तक जाता है और खरपतवार नहीं उगते। साथ ही नींदा नाशक दवा का इस्तेमाल कर बीज को फफूंद से बचाया गया।

काबुली चने का बाजार भाव देसी चने से डेढ़ गुना अधिक है, प्रति क्विंटल 9 से 12 हजार रुपये तक मिलता है। हालांकि उपज थोड़ी कम होती है, लेकिन मुनाफा बेहतर रहता है।

अब अनिल मिश्रा ने इस चने के सस्ते बीज दूसरे किसानों को उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, ताकि क्षेत्र में ज्यादा किसान इसकी खेती कर सकें। इसी तरह उन्होंने तुर्की किस्म का चना भी उगाया है, जिसमें भी सफलता मिली है।