सोयाबीन की खराब होती हालत देख चिंतित हुए किसान, वैज्ञानिकों ने किया दौरा
Mahu News: क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी के बाद कई किसानों की फसल अचानक मुरझाने और सूखने लगी। इस पर कृषि विभाग और वैज्ञानिक संस्थानों की टीम सक्रिय हुई और शनिवार को विभिन्न गांवों का निरीक्षण किया।
राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र इंदौर के डॉ. संजीव कुमार और कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. अरुण कुमार शुक्ला के नेतृत्व में टीम ने चांदर, पेमलपुर, खजराया, बेगन्दा, खड़ी, कटकोदा आदि गांवों का दौरा किया। टीम के साथ अनुविभागीय कृषि अधिकारी शोभाराम अस्के, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जितेंद्र चारेल, कृषि विस्तार अधिकारी व बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
वैज्ञानिकों ने सूखते पौधों की जाँच की और किसानों से चर्चा कर समस्या के कारण समझाए। उन्होंने बताया कि मौसम की अनियमितता, अधिक नमी या बीज जनित रोग इसके पीछे हो सकते हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि करीब 15–20% नुकसान सामान्य है और किसान 15 जुलाई तक दोबारा बुवाई कर सकते हैं।
विकल्प के रूप में ज्वार, मक्का और बाजरा बोने की सलाह दी गई। किसानों ने अधिकारियों से बीज और आर्थिक सहायता की मांग की, वहीं बीमा कंपनी से मुआवजा दिलाने की अपील की।बिरगोदा किसान क्लब के अध्यक्ष मनोहर ठाकुर ने बताया कि फसल में “अंजन” बीमारी लगने से नुकसान हो रहा है।