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खरीफ न हो पाने से किसानों के सामने विकल्प, अब रबी में दो फसलें लेने की तैयारी

 

Tikamgarh News: इस साल जिले में सामान्य से 72 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। अब तक 1225 मिमी पानी गिर चुका है। जुलाई और अगस्त में लगातार बारिश से खरीफ सीजन की फसलें प्रभावित हुईं और किसान सोयाबीन, उड़द व मूंगफली की बोवनी नहीं कर पाए। अब किसान खाली पड़े खेतों को रबी सीजन के लिए तैयार करने में जुट गए हैं।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस परिस्थिति ने किसानों को बेहतर विकल्प भी दिया है। यदि किसान 15 सितंबर तक तोरिया, सरसों और मटर जैसी त्वरित फसलें बो दें, तो लगभग 90 दिनों में ये तैयार हो जाएंगी। इसके बाद दिसंबर मध्य से गेहूं की लेट वैरायटी की बोवनी कर किसान एक ही साल में दो फसलें ले सकते हैं। अच्छी बारिश से जिले के तालाब और जलाशय भरे हुए हैं, जिससे गेहूं की सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त मिलेगा।

खाद की किल्लत बड़ी चुनौती

किसानों की सबसे बड़ी चिंता इस समय खाद की कमी है। जिले में फिलहाल लगभग 1900 टन यूरिया और 1000 टन डीएपी ही उपलब्ध है, जबकि वास्तविक जरूरत 27 हजार टन यूरिया और 17,650 टन डीएपी की है। विभागीय आकलन के अनुसार, इस बार 66 हजार टन से अधिक खाद की आवश्यकता होगी। पिछले साल करीब 56 हजार टन खाद का उपयोग हुआ था।

स्थिति यह है कि जिला जेल के सामने खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ अभी से लगने लगी है। किसान बताते हैं कि यदि समय पर खाद नहीं मिली, तो बोवनी प्रभावित होगी और उन्हें भारी नुकसान होगा। पिछले साल भी किसानों को पुलिस की निगरानी में खाद वितरित करनी पड़ी थी। इस बार भी वैसी ही स्थिति बनने की आशंका जताई जा रही है।

कालाबाजारी और कार्रवाई

ग्रामीण क्षेत्रों में खाद की कालाबाजारी की खबरें सामने आने लगी हैं। कलेक्टर के निर्देश पर अब तक कुछ निजी विक्रेताओं पर एफआईआर भी दर्ज की गई है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में विभागीय कार्रवाई ढीली दिखाई दे रही है। किसान मानते हैं कि यदि समय रहते कड़ा नियंत्रण नहीं किया गया तो संकट और गहरा जाएगा।

विशेषज्ञों की राय

कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में पर्याप्त नमी है। इस कारण गेहूं की बोवनी का क्षेत्रफल बढ़ेगा। किसान चाहे तो पहले मटर या सरसों बोकर बाद में गेहूं की लेट किस्में जैसे एमपी-1202, एचआई-1634, 1636 या एचडी-2404 लगा सकते हैं। ये किस्में देरी से बोने पर भी अच्छी पैदावार देती हैं। कुछ किसान सब्जियों की त्वरित खेती कर भी गेहूं लगा सकते हैं।

विभाग की तैयारी

कृषि विभाग का कहना है कि जरूरत को देखते हुए खाद की डिमांड भेजी जा चुकी है। रबी की प्रमुख फसलें चना, मटर और सरसों की बोवनी के लिए जल्दी ही खाद वितरण शुरू किया जाएगा। पर्याप्त जलस्रोत भरे होने से गेहूं का रकबा इस बार बढ़कर 2.31 लाख हेक्टेयर से अधिक होने की उम्मीद है।