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Chhatarpur News: 10 साल से जमा कर रहा किसान सिक्के और नोट

 

Chhatarpur News: सरवई क्षेत्र के बहादुरपुर गांव के किसान बिहारी लाल पटेल पिछले 10 वर्षों से पुराने सिक्के और नोटों का संग्रह कर रहे हैं। उनके पास आजादी से पहले के सिक्कों से लेकर आज तक की करेंसी मौजूद है। वह बताते हैं कि सिक्के जुटाने में काफी मेहनत करनी पड़ी। जैसे ही किसी पुराने सिक्के की जानकारी मिलती, वह अपने सारे काम छोड़कर उसे ढूंढने निकल पड़ते। इसके लिए चाहे जितना भी समय लग जाए, वह पीछे नहीं हटते।

50 वर्षीय बिहारी लाल ने 7वीं तक पढ़ाई की है। वह खेती कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सिक्के और नोट इकट्ठा करने की प्रेरणा यूट्यूब से मिली। 10 साल पहले उन्होंने देश के प्रसिद्ध कॉइन कलेक्टर राज ज्ञानी का वीडियो देखा। उसी से प्रेरित होकर वह भी इसशौक में लग गए।

आज उनके पास हजारों की संख्या में दुर्लभ सिक्के और नोट हैं। उनके पास आधे आने, एक आना से लेकर वर्तमान तक के सभी प्रकार के सिक्के हैं। उन्होंने पीतल और तांबे के सिक्कों का भी संग्रह किया है। 5 साल पहले वह लखनऊ में एक प्रदर्शनी में शामिल हुए थे। वहां उनके दो सिक्के ऊंचे दामों में बिके थे। इसके बाद उन्हें फिर कभी बाहर जाने का मौका नहीं मिला। बिहारी लाल का सपना है कि वह एक दिन राज ज्ञानी से मिलें।

कम छपने वाले सिक्के महंगे दमों में बिकते हैं

बिहारी बताते है कि, ऐसे सिक्के जो बहुत ही कम मात्रा में छापे जाते है। जैसे वर्ष 2021 में आजादी का अमृत महोत्सव लिखा हुआ एक रुपए का सिक्का छपा था। लेकिन अचानक से यह गायब हो गया। यह सिक्का स्टील का था। लेकिन अब यह सिक्का बड़े शहरों में लगने वाले काइन प्रदर्शनियों में 1 लाख रुपए तक में बिकता है।

वहीं कुछ सिक्कों में शुभ संकेत या देवी-देवताओं की प्रतिमाएं प्रदर्शित की जाती है। ऐसे सिक्के भी महंगे दामों में बिकते हैं। बिहारी बताते हैं कि उनके पास 1 पैसा से भी छोटा आधा आने के 8 सिक्के उपलब्ध है। उन्होंने इन सिक्कों को कलेक्ट करने के लिए आस-पास क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बुजुर्ग लोगों और बड़े दुकानदारों से संपर्क किया। उनके पास मिले सिक्कों का वह कलेक्शन करते गए। अब उनके पास 20 रुपए तक के विभिन्न वैराइटी के सिक्के उपलब्ध है।