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ट्रक के दबाव में ई-रिक्शा बुरी तरह क्षतिग्रस्त, यात्री गंभीर रूप से घायल,शहर में भारी वाहनों की आगमनी पर उठे सवाल

 

Chhatarpur News: शहर के व्यस्ततम जवाहर रोड पर शनिवार की सुबह हुई भीषण सड़क दुर्घटना ने स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश दोनों फैला दिए हैं। एक कंटेनर ट्रक ने चलते ई-रिक्शा को टक्कर मारी, जिससे ई-रिक्शा के अनेक हिस्से सड़क पर बिखर गए और उसमें सवार एक युवा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि रिक्शा में सवारों के बचने के कुछ अवसर ही बचे। मौके पर पहुँची पुलिस ने घायल युवकों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा और कंटेनर को तत्काल जब्त कर लिया गया।

घायल युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है; वह गौरगांव का रहने वाला है और बताया जा रहा है कि वह अपनी बीमार मां को देखने जिला अस्पताल जा रहा था। ई-रिक्शा का चालक भी हादसे में घायल हुआ है और दोनों का अस्पताल में इलाज जारी है। राहगीरों और दुकानदारों ने घटनास्थल का विवरण साझा करते हुए कहा कि शहर के बीचोंबीच से भारी ट्रकों का गुजरना अब एक सामान्य दृश्य बन गया है, जिससे पैदल यात्रियों और छोटे वाहनों के लिए जोखिम बढ़ गया है। कई लोगों ने यह भी कहा कि ऐसे समय में सड़कों पर पैदल चलने और छोटे वाहन चलाने में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो व्यवस्था स्थायी रूप से समस्याओं का समाधान करेगी वह है सागर-कानपुर फोरलेन परियोजना का पूरा होना। परियोजना के पूरा होने पर शहर के आसपास एक बड़ा रिंग रोड बन जाएगा और भारी वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश करने से रोका जा सकेगा। परंतु, इस परियोजना में देरी और जटिलताएँ बनी हुई हैं। भू-अर्जन, मुआवजे और अन्य औपचारिक प्रक्रियाओं के कारण काम अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ पाया है। नतीजतन, ट्रकों और कंटेनरों का आवागमन अभी भी शहर की मुख्य सड़कों से होकर हो रहा है, जो आवागमन व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

परियोजना अधिकारियों ने बताया है कि फेज तीन और फेज चार के दायरे में कई विकासखंड आते हैं और इन हिस्सों में अब तक आधे से अधिक भू-अर्जन और मुआवजे का काम हुआ है, पर शेष कार्य के लिए कुछ बुनियादी जानकारियाँ और सहमति अभी भी बाकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसानों के बैंक खाते व शेष अधिकारिक दस्तावेजों की पुष्टि होते ही काम की गति बढ़ाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि समन्वय बढ़ाने और सरकारी प्रक्रियाओं को सुगम बनाने पर ध्यान दिए बिना परियोजना समय पर नहीं पूरा हो पाएगी।

घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों, बस चालकों और निवासियों ने प्रशासन से तात्कालिक सुरक्षा कदम उठाने की मांग की है। उनमें से कुछ ने सुझाव दिया है कि व्यस्त मार्गों पर रात व दिन के अलग-अलग समय में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए, दुर्घटना-रोधी बैरिकेड और संकेत स्थापित किए जाएँ तथा संवेदनशील स्थानों पर गति नियंत्रक और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएँ। कई लोगों का यह भी कहना है कि आपातकालीन सेवाओं को बेहतर कर, दुर्घटना के तुरंत बाद त्वरित बचाव और प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करने की व्यवस्था करनी चाहिए।

यातायात प्रभारी ने कहा है कि हिरासत में लिया गया कंटेनर और चालक की जांच जारी है तथा आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दुर्घटना-प्रवण मार्गों पर निरीक्षण बढ़ाया जाएगा और अस्थायी सुरक्षा उपायों को शीघ्र लागू किया जाएगा। निवासियों का कहना है कि जब तक फोरलेन परियोजना पूरी तरह से क्रियान्वित नहीं होती, तब तक अस्थायी परंतु प्रभावी उपायों के माध्यम से जीवन रक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्थानीय समुदाय अब इस मसले पर और अधिक सजग दिख रहा है और वे स्थायी समाधान तथा तुरंत लागू होने योग्य सुरक्षा व्यवस्थाओं की मांग करते हुए प्रशासन से सक्रिय कदम की अपेक्षा कर रहे हैं।