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ग्राम पंचायतों में पड़े लाखों के इलेक्ट्रिक कचरा वाहन, उपयोग ठप

 

Burhanpur News: जिलेभर में स्वच्छता अभियान पर हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। गांवों में साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन कई ग्राम पंचायतों की लापरवाही के कारण कचरा प्रबंधन बिगड़ा हुआ है। कुछ साल पहले सांसद और विधायक निधि से ग्राम पंचायतों को इलेक्ट्रिक कचरा वाहन दिए गए थे। हर वाहन की कीमत करीब 3.99 लाख रुपए थी।

फोफनार, अंबाड़ा, सारोला, जयसिंगपुरा, डोईफोड़िया और खकनार सहित 12 से ज्यादा पंचायतों को ये वाहन उपलब्ध कराए गए थे। हालांकि, अधिकांश वाहन वर्तमान में धूल खा रहे हैं और उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। वाहन खराब होने पर कंपनी के कर्मचारी केवल दो-तीन बार ही सुधार के लिए आए।

अधिकांश पंचायतों के खातों में पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद कचरा प्रबंधन की सही व्यवस्था नहीं है। रोड और नाली किनारे जमा कचरा नहीं उठाया जा रहा है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। विशेषज्ञ और ग्रामीण बताते हैं कि अगर बैटरी और तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और वाहन संचालित किए जाएं, तो यह कचरा संग्रहण में कारगर साबित हो सकते हैं।

जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारियों को इस ओर ध्यान देकर इन वाहनों का संचालन सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि गांवों में स्वच्छता कायम रहे और कचरा संग्रहण सुचारू रूप से हो सके।