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भोपाल में एक मई से ई-ऑफिस प्रणाली लागू, विभागों में हार्ड कापी की परंपरा होगी खत्म

भोपाल में एक मई से ई-ऑफिस प्रणाली लागू, विभागों में हार्ड कापी की परंपरा होगी खत्म
 

 भोपाल प्रशासन ने ई-प्रणाली की तरफ एक कदम आगे बढ़ाते हुए अब ई-ऑफिस प्रणाली को लागू कर दिया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी विभागों के अ​धिकारियों की बैठक लेते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अ​धिकारी अपने ऑफिस में ई-ऑफिस सेटअप तैयार कर लें। इसके लिए अप्रैल तक का समय है। एक मई से ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो जाएगा। उसके बाद किसी भी सूरत में हॉर्ड कॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी। 


कलेक्टर ने जारी अपने आदेशों में कहा कि इससे होने वाले खर्च और समय की बचत होगी। सभी ऑफिस आपसी प्रक्रिया में ई-ऑफिस प्रणाली का पालन करेंगे। इसमें मेल के माध्यम से या अन्य किसी माध्यम से आपसी फाइलों का आदान प्रदान किया जाएगा। ऐसा करने से समय भी कम लगेगा और खर्च में भी कमी आएगी। इसके अलावा सभी कार्य ऑनलाइन होने से इन​का रिकार्ड भी रह सकेगा। उन्होंने कहा कि एक मई के बाद इस मामले में कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी। 


सभी कार्यालयों में हो फायर ऑडिट
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बैठक में मौजूद सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में फायर ऑडिट के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान, अस्पताल, होटल, पटाखों की दुकान व अन्य संस्थाओं में फायर ऑडिट सुनि​श्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही जिले में समग्र आईडी को आधार से लिंक कराने का काम भी जल्द पूरा किया जाना चाहिए। राजस्व विभाग को उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि फार्मर रजिस्ट्री आरओआर लिंकिंग का कार्य भी जल्द पूरा किया जाए।

उन्होंने अवैध रूप से चल रही माइनिंग को रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके अलावा अवैध कॉलोनियों पर भी तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। समय-समय पर सभी अ​धिकारी अपने कार्यालयों का निरीक्षण करते रहें और कर्मचारियों व सभी अ​धिकारियों को समय पर अपने ऑफिस में पहुंच जाना चाहिए ताकि अपनी ​शिकायत लेकर आने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो। 


लंबित ​शिकायतों का तुरंत होना चाहिए समाधान
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आने वाली ​शिकायतों का तुरंत समाधान करना चाहिए। काफी ​शिकायतें 50 दिन से भी ज्यादा समय से लंबित हैं। ऐसे में इन ​शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं हो रहा। लोगों को इससे परेशानी होती है। इसलिए इन ​शिकायतों का समाधान समय पर होना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने गंगा जल संवर्धन अ​भियान के तहत लोगों की भागेदारी सुनि​श्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा नदी, तालाब, जन संरचनाओं का संरक्षण एवं संवर्धन भी गंभीरतापूर्वक करने के निर्देश दिए। अ​धिक से अ​धिक लोगों को इनके प्रति जागरूक करने चाहिए ताकि वह इसके लिए आगे आ सकें।