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जिले की सड़कों का जर्जर हाल, 3 किमी में गड्डों ने बढ़ाई दुर्घटना का खतरा

 

Bina News: खुरई-रजवांस रोड और खुरई-खिमलासा रोड जर्जर हाल हो रहे हैं। गड्डों की संख्या, लंबाई, चौड़ाई और गहराई बढ़ गई है, जिससे दोपहिया और तीन पहिया वाहन अनियंत्रित हो रहे हैं। इसका नतीजा दुर्घटनाएं हैं, लेकिन विभाग इन सड़कों के सुधार पर ध्यान नहीं दे रहा है।

खुरई-रजवांस रोड सीसी सड़क के दो हिस्सों को जोड़ने वाली जगह पर दरारें बढ़ गई हैं। इसके लिए सड़क पर सिलाई कर टांके लगाए गए, जिनमें लोहे की रॉड लगी थी। ऊपर से डामर भरा गया, लेकिन सीसी रोड पर डामर का लेप ज्यादा दिन नहीं चल पाया और लोहे की टांके में लगी रॉडें निकल आईं। वाहन इन गड्डों में फंसकर अनियंत्रित हो रहे हैं। जरूआखेड़ा रेलवे फाटक बंद होने से भारी वाहनों का ट्रैफिक रजवांस रोड से निकल रहा है।

सड़क पर गड्डों की गहराई बढ़ रही है और वाहन पलटने का खतरा बना हुआ है। खुरई-रजवांस रोड पर शुरुआती तीन किलोमीटर में ही मुड़िया गांव के पास तीन जगह 8 फीट चौड़ी और 20 फीट लंबी सड़क उखड़ गई है। चार पहिया वाहन भी अनियंत्रित हो जाते हैं। रात के समय यह सड़क स्पष्ट नहीं होती, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।

राहगीरों के अनुसार पूरी रजवांस रोड पर गड्डे और दरारें हैं। सड़क सीमेंट-कांक्रीट की बनी है, लेकिन ऊपर से डामर डालने पर कुछ दिन में ही सड़क उखड़ जाती है। बाइक पर सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं।

खिमलासा रोड पर गड्डे अधिक हैं और सड़क कम बची है। यह रोड 13 साल पहले अधूरी बनी थी। बाद में विभागीय स्तर पर काम कराया गया, लेकिन कई जगह पुलियों पर रॉडें निकली हैं। सड़क पर गड्डे उभर आए हैं। हर साल गड्डों को भरा जाता है, लेकिन बारिश में दोबारा गड्डे हो जाते हैं।

साल 2023 से 2025 के बीच इस क्षेत्र में कई हादसे हुए हैं। खुरई-खिमलासा रोड पर 2023 में बस और ट्रक की टक्कर हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत और 42 लोग घायल हुए थे। खुरई-रजवांस रोड पर 2024 और 2025 में भी बाइक और वाहन टकराने के मामले में मौतें और चोटें हुईं।

ड्राइवरों का कहना है कि सड़क पर भारी वाहन निकलने से गड्डे बड़े हो रहे हैं। सड़क गुणवत्तापूर्ण नहीं बनी थी और समयावधि भी पूरी हो चुकी है। डामर की परत उखड़ गई है और गिट्टी फैल रही है, जिससे बाइक फिसल रही हैं।

विभागों को सुधार के निर्देश दिए जा रहे हैं। खिमलासा और रजवांस रोड पर ट्रैफिक ज्यादा है और गड्डे हैं। अधिकारियों से चर्चा कर बारिश के बाद सुधार का काम करवाया जाएगा।