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धुलकोट–काकोड़ा रोड निर्माण अधूरा, एजेंसी का ठेका रद्द – अब नए टेंडर होंगे

 

Burhanpur News: धुलकोट से सुक्ता खुर्द होते हुए काकोड़ा तक बनने वाली सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया है। खराब क्वालिटी और समय पर काम पूरा न करने के कारण विभाग ने निर्माण एजेंसी का ठेका समाप्त कर दिया है। अब इस परियोजना के लिए नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएंगे।

अधूरा काम और खराब क्वालिटी

मई 2023 में करीब 25.86 करोड़ रुपए की लागत से 19.70 किमी डामरी सड़क का काम शुरू हुआ था। हरदा की एक कंपनी को मई 2024 तक काम पूरा करना था, लेकिन दो साल बाद भी सिर्फ अर्थवर्क ही किया जा सका। इसमें भी मुरुम डालकर लेवल भरने का काम किया गया, जो बारिश के बाद पूरी तरह खराब हो गया। सड़क पर जगह-जगह कीचड़ और गड्ढे भर गए हैं, जिससे वाहन चालकों को हादसों का डर बना रहता है।

ग्रामीणों की परेशानी

यह सड़क सुक्ता खुर्द, काकोड़ा, झिरपांरिया, गंभीरपुरा, इटारिया, बेलथड़, निलकाठी, दीवाल और झिरनिया जैसे गांवों के लिए मुख्य मार्ग है। यहां से रोजाना सैकड़ों लोग आवाजाही करते हैं। खराब हालत के कारण वाहनों में टूट-फूट और टायर पंचर की समस्या आम हो गई है। सुक्ता खुर्द स्थित शिवा बाबा और जगदंबा माता मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। नवरात्रि जैसे अवसरों पर यहां बड़ी संख्या में भीड़ आती है, जिससे स्थिति और कठिन हो सकती है।

पुलिया निर्माण में गड़बड़ी

निर्माण एजेंसी ने इस मार्ग पर 15–16 पुलिया बनाई थीं, जिनमें से 4 पुलिया को विभाग ने रिजेक्ट कर दिया। कारण था – निर्माण की गुणवत्ता मानक के अनुरूप न होना। एजेंसी को अब तक लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का ही भुगतान किया गया है।

निरीक्षण के बाद कार्रवाई

फरवरी 2025 में भोपाल से आई टीम ने सड़क निर्माण का निरीक्षण किया था। हर महीने 5 और 20 तारीख को क्वालिटी चेक किया जाता है। 20 फरवरी को हुए निरीक्षण में पाया गया कि अर्थवर्क की क्वालिटी बेहद खराब है। इस रिपोर्ट के आधार पर एजेंसी का टेंडर रद्द कर दिया गया। विभाग का कहना है कि अब रिटेंडर की प्रक्रिया जारी है और जल्द नया ठेकेदार काम शुरू करेगा।

आंदोलन और मांगें

खराब सड़क और अधूरे काम से परेशान होकर ग्रामीणों ने आवाज उठाई। 1 सितंबर को कांग्रेस सेवा दल यंग ब्रिगेड ने तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सड़क निर्माण और मरम्मत की मांग की गई। लोगों का कहना है कि जब तक नई एजेंसी काम शुरू नहीं करती, तब तक उन्हें रोजाना परेशानी झेलनी पड़ेगी।