छतरपुर के पेट्रोल पंपों में डेंसिटी डिस्प्ले नहीं, जांच की प्रतीक्षा जारी
Chhtarpur News: छतरपुर जिले के कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल की डेंसिटी (घनत्व) सही तरीके से प्रदर्शित नहीं हो रही है, जिससे गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। मऊचुंगी में संचालित रिलायंस पेट्रोल पंप और बल्देवगढ़ के मिश्रा पेट्रोल पंप की मशीनों में डेंसिटी डिस्प्ले न होने की शिकायतें मिली हैं। वहीं, टीकमगढ़-धजई मार्ग के मां शारदा फिलिंग स्टेशन की मशीन पर डेंसिटी ०० दिखाई दे रही है।
हालांकि, वहां के प्रबंधन का कहना है कि मशीनों की अपडेटिंग प्रक्रिया चल रही है।गोमाता फिलिंग स्टेशन पर हाल ही में डेंसिटी में असामान्य वृद्धि देखी गई है। 17 जून को यहां डेंसिटी 747.4 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी, जो 19 जून को बढ़कर 750.4 हो गई। यह मामला खाद्य विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में है और वे जल्द जांच कराने की बात कर रहे हैं।
छतरपुर जिले और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 30 फिलिंग स्टेशन हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर डेंसिटी के सही प्रदर्शन और अन्य नियमों का पालन नहीं हो रहा है। पेट्रोल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डेंसिटी का सही डिस्प्ले अनिवार्य है, लेकिन फिलिंग स्टेशनों के प्रबंधन इस पर गंभीर नहीं दिख रहे हैं।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार, पिछले एक साल में जिले के किसी भी पेट्रोल पंप की जांच नहीं की गई है, जिससे अनियमितताएं बढ़ रही हैं। विभाग ने जल्द ही सभी पेट्रोल पंपों की जांच करने की योजना बनाई है ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और उपभोक्ताओं को सही ईंधन मिल सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 775 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए। इससे कम या ज्यादा डेंसिटी पेट्रोल में मिलावट की ओर संकेत करती है। मैकेनिकल और कैमिकल इंजीनियर संदीप असाटी बताते हैं कि कम डेंसिटी वाला पेट्रोल पानी या अन्य मिलावट वाला हो सकता है, जो वाहन के इंजन को नुकसान पहुंचाता है और माइलेज कम करता है। इसलिए वाहन चालकों को फ्यूल पंप पर डेंसिटी और मीटर रीडिंग की जांच अवश्य करनी चाहिए।
पेट्रोल की गुणवत्ता जांचने का एक घरेलू तरीका भी बताया जाता है, जिसमें पेट्रोल की कुछ बूंदें फिल्टर पेपर पर डाली जाती हैं। यदि पेपर पर दाग बनता है, तो यह मिलावट का संकेत है, वहीं साफ पेपर गुणवत्ता की निशानी है।डेंसिटी के सही डिस्प्ले न होने के अलावा पेट्रोल पंपों पर स्टॉक मेंटेन करने में भी खामियां सामने आ रही हैं।
कई पंप स्टॉक की कमी के कारण सेलिंग बंद कर देते हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है। गुरुवार को डिवाइन फ्यूल स्टेशन पर स्टॉक खत्म होने की वजह से सेलिंग बंद करनी पड़ी। इसके अलावा फिलिंग स्टेशनों पर वाहनों के लिए हवा भरने की भी सुविधा नहीं है, जो चालक के लिए असुविधाजनक है।
जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी कुलदीप मौर्य ने बताया कि डेंसिटी डिस्प्ले न होने और अन्य अनियमितताओं की जांच जल्द की जाएगी। जांच में खामियां मिलने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध ईंधन उपलब्ध हो सके।इस मामले में जिले के पेट्रोल पंप संचालकों और संबंधित विभाग की ओर से तत्परता दिखाने की आवश्यकता है, ताकि जिले में ईंधन की गुणवत्ता और सेवा में सुधार हो सके।