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परिसीमन में देरी, एजेंसी चयन अब तक अधर में

 

Damoh News: शहर से जुड़ने वाली 9 ग्राम पंचायतों को नगरपालिका सीमा में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुए डेढ़ साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन काम अभी तक अधूरा है। नगरपालिका ने प्रारंभिक स्तर पर जनपद से जानकारी लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ाई, परंतु परिसंपत्तियों और संसाधनों के समायोजन पर निर्णय नहीं हो पाने से काम अटक गया।

करीब दो माह पहले यह तय हुआ कि पूरा काम किसी एजेंसी से कराया जाएगा। इसके बावजूद अब तक न तो एजेंसी का चयन हुआ और न ही टेंडर जारी किया गया। परिसीमन आयोग द्वारा दी गई अंतिम समय सीमा पूरी होने में केवल चार महीने शेष हैं, जिससे अब नगरपालिका पर दबाव बढ़ गया है।

शामिल किए जाने वाले गांव

राजपत्र की अधिसूचना में इमलाई, चौपरा खुर्द, चौपरा रैयतवारी, हिरदेपुर, कोटातला, राजनगर खुर्द, समत्रा माल, समन्ना रैयतवारी, सिंगपुर और पिपरिया पंचायतों का नाम शामिल है। कुल 12 गांवों की आबादी लगभग 10 हजार है। ग्रामीणों के लिए यह असमंजस की स्थिति है कि वे किस निकाय से जुड़े हैं और मतदाता सूची में उनका नाम कहाँ जोड़ा जाएगा। पंचायत की सूची से उन्हें बाहर कर दिया गया है, लेकिन नगरपालिका की मतदाता सूची में अब तक सम्मिलित नहीं किया गया।

रजिस्ट्री में शहरी शुल्क, पर सूची में नाम नहीं

एक और बड़ी समस्या यह है कि इन पंचायतों की जमीनों की रजिस्ट्री पर अब शहरी क्षेत्र का शुल्क लिया जा रहा है, जबकि इन्हें अभी तक आधिकारिक रूप से नगरपालिका की मतदाता सूची में जगह नहीं मिली है।

वार्डों की स्थिति

वर्तमान में नगरपालिका में 39 वार्ड हैं। नए गांव जुड़ने पर संख्या 40 से 45 तक हो सकती है। आबादी बढ़कर लगभग डेढ़ लाख तक पहुँचने का अनुमान है। हालांकि नगर निगम बनने के लिए कम से कम 60 वार्ड और तीन लाख की जनसंख्या आवश्यक है। सही आंकड़ा सर्वे के बाद ही स्पष्ट होगा।

समय सीमा का दबाव

परिसीमन आयोग ने पहले 1 जनवरी से 31 जुलाई 2025 तक की समय सीमा तय की थी, लेकिन उस अवधि में कोई प्रगति नहीं होने पर इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दिया गया। इसके बाद किसी तरह का परिसीमन मान्य नहीं होगा, क्योंकि 2027 की जनगणना के लिए प्रशासनिक सीमाएँ तय हो जाएँगी।

तकनीकी खामी से अटका टेंडर

नगरपालिका के सीएमओ ने बताया कि तीन–चार दिन में टेंडर जारी किया जाना है। एजेंसी जीआईएस सर्वे करेगी और अंतिम परिसीमन रिपोर्ट देगी। हालांकि पहले जारी होने वाले टेंडर में तकनीकी खामियाँ सामने आईं, जिस कारण प्रक्रिया रुक गई। अब दावा किया जा रहा है कि नवंबर तक सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और 31 दिसंबर से पहले परिसीमन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी।