एमपी में समग्र ई-केवाईसी बनी मुसीबत, छह लाख लोगों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
एमपी में समग्र आई डी को आधार या मोबाइल नंबर से जोड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान में नगरीय निकाय और जनपंद पंचायत की ओर लापरवाही हो रही है। जिस करण जिले में 6 लाख से ज्यादा समग्र ई-केवाईसी लंबित हैं। ई-केवायसी लंबित होने के कारण लोगों को योजनाओं का लाभ मिलने में समस्या हो रही है।
जानकारी के मुताबिक जिले में 15 लाख 69 हजार 471 सम्रग आईडी हैं। इस सभी की केवाईसी कर कार्डधारी के आधार या मोबाइल नंबर से लिंक करना है। आंकडों के मुताबिक 6 मई तक 9 लाख 39 हजार 188 केवाईसी का ही सत्यापन हुआ है।
6 लाख 26 हजार 884 समग्र की केवाईसी अभी भी लंबित हैं। इसमें नगर पालिका इटारसी 44.5 प्रतिशत, नर्मदापुरम 49.4, पिपरिया 46.7, केंट पचमढ़ी 45.7 का प्रदर्शन जिले में कम है। हर सप्ताह जिला प्रशासन बैठक में समग्र केवाईसी का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारियों को हिदायत दे रहा है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है।
जनपद पंचायतों में हजारों केवाईसी लंबित: जिले के जनपद पंचायतों में हजारों केवाईसी लंबित हैं। इसमें माखननगर में 54449, बनखेड़ी 57654, नर्मदापुरम 50995, केसला 54553,पिपरिया 55040 और सिवनी मालवा 63752 केवाईसी लंबित हैं।
इन योजना में लगता समग्र आइडी
हितग्राहियों को राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनवाने, उचित मूल्य की दुकान से राशन लेने, राशन पर्ची बनवाने, स्कूल कॉलेज में दाखिला, रोजगार पंजीकरण, बैंक में खाता खुलवाने, बिजली, पानी गैस कनेक्शन लेने समग्र आईडी जरूरी है।
कार्यालय में सर्वर डाउन, एमपी ऑनलाइन में हो रही प्रक्रिया
शासन की योजनाओं का लाभ लेने हितग्राही रोजाना नपा, जनपद सहित अन्य संस्थानों पर लोग केवाईसी कराने जाते हैं लेकिन कभी इंटरनेट या सर्वर के बंद होने की जानकारी देकर वापस लौटा दिया जाता है। इस कारण ई केवायसी के प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है।