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सोयाबीन और मक्का फसलों पर इल्ली का हमला, किसान कर रहे कीटनाशक का छिड़काव

 

Burhanpur News: क्षेत्र में पिछले आठ दिनों से बारिश नहीं हो रही है, जिससे खेतों में सोयाबीन और मक्का की फसलों पर इल्ली और कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण पहले किसान दवा नहीं छिड़क पाए। जब भी मौसम साफ होता, किसान कीटनाशक छिड़कते, लेकिन शाम तक फिर बारिश हो जाती, जिससे दवा का असर नहीं हो पाता।

अब बारिश रुकने के बाद किसान कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं और खरपतवार हटाने में भी जुट गए हैं। किसान शुभम महाजन ने बताया कि मक्का की पत्तियों को इल्ली नुकसान पहुंचा रही है, जिससे उत्पादन घटने की आशंका है। मक्का और सोयाबीन दोनों फसलों की वृद्धि भी ठप हो गई है।

इस बार मक्का की बोवनी 2000 हेक्टेयर और सोयाबीन की 1500 हेक्टेयर में हुई है। मक्का की फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार होती है और इसमें कम लागत आती है। किसान बताते हैं कि दो से तीन बार कीटनाशक छिड़काव और दो बार खाद देने से यह फसल चार महीने में तैयार हो जाती है। पिछले साल मक्का के दाम 1600 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल रहे थे, इस बार और बेहतर दाम की उम्मीद है।

लोखंडिया, मातापुर, ताजनापुर, बलवाड़ा जैसे कई गांवों में किसानों ने मक्का और सोयाबीन का रकबा बढ़ाया है। पिछले साल उत्पादन और भाव दोनों अच्छे रहे, इसलिए इस बार इन फसलों पर किसानों की ज्यादा निर्भरता है।