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भोपाल के वेस्टर्न बायपास ने पकड़ी रफ्तार, रातापानी टाइगर रिजर्व को बचाकर बदलेगा एलाइनमेंट

 

MP NEWS: एक साल से अटकी पड़ी वेस्टर्न बायपास परियोजना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। वन और पर्यावरण से जुड़ी अड़चनों के कारण यह परियोजना एक साल तक लटकी रही। अब नए सिरे से इसकी एलाइनमेंट करके आगे बढ़ाया जाएगा। इसके बाद इसके सर्वे जल्द शुरू होगा। 


एमपीआरडीसी यानी मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने परियोजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। जल्द ही इसके लिए नई इलाइनमेंट के लिए सर्वे शुरू करवाया जाएगा। जो पुराना प्रस्ताव था, उसमें शामिल क्षेत्रों में रातापानी टाइगर रिजर्व का बफर जोन और एक प्राचीन ​शिव मंदिर आने से निर्माण अटक हुआ था। अब इन धरोहरों को संर​क्षित रखते हुए नई योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए एक नया एलाइनमेंट सिरकिया गांव जोकि 11 मील क्षेत्र से शुरू होकर इनायतकला, गोलजोड़ और रातीबड़ होते हुए भोपाल-देवास रोड से जुड़ेगा। इस बायपास की लंबाई घटकर 36 किलोमीटर रह जाएगी जो पहले 41 किलोमीटर प्रस्तावित थी। 


इस परियोजना का निर्माण वही कंपनी करेगी, जिसे पहले ठेका मिला था। अब सभी अड़चनों को दूर करके काम शुरू किया जाएगा। 


3 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
इस पूरी परियोजना पर 3 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें भूमि अ​धिग्रहण के लिए 427 करोड़ रुपये, उपयोगिता बदलाव के लिए 19 करोड़ रुपये और पर्यावरण प्रबंधन के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा जो पैसा बचेगा वह कॉरिडोर पर खर्च किया जाएगा। इस बायपास को फोरलेन एक्सेस कंट्रोल मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसके अलावा इस बायपास के दोनों तरफ सर्विस रोड भी बनाई जाएगी। 


इंदौर और मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ेगा
यह बायपास बनने के बाद यह सीधा मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र को इंदौर रोड से जोड़ेगा। इससे कोलार से इंदौर जाने वाले यात्रियों को काफी लाभ होगा। इस परियोजना के लिए भोपाल और रायसेन जिलों की लगभग 300 हेक्टेयर भूमि अ​धिग्रृहित की जाएगी। इससे भी लोगों को काफी लाभ होगा। ऐसे में यहां जमीनों के रेट भी बढ़ जाएंगे।