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सड़कों पर गिट्टी-चूरी बिखरी, धूल से लोग परेशान

 

Burhanpur News: शहर की कई मुख्य सड़कों पर पैचवर्क का काम अब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। गणेश विसर्जन से पहले निगम और पीडब्ल्यूडी ने गड्ढे भरने के लिए गिट्टी-चूरी डलवाई थी। लेकिन धूप निकलने और बारिश थमने के बाद वही मटेरियल उखड़कर सड़क पर फैल गया। नतीजा यह हुआ कि जगह-जगह धूल के गुबार उड़ रहे हैं।

वाहनों के गुजरने पर गिट्टी सड़कों पर इधर-उधर बिखर रही है और चूरी की धूल से वातावरण धुंधला हो जाता है। इससे न केवल वाहन चालकों को परेशानी हो रही है बल्कि राहगीरों, दुकानदारों और आसपास रहने वालों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। लोग सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी शिकायतें करने लगे हैं।

कहां-कहां बढ़ी समस्या

स्टेशन रोड, केवलराम मार्ग, बांबे बाजार, घंटाघर, शेर तिराहा, पड़ावा और जिला अस्पताल से इंदौर नाका तक कई इलाकों में पैचवर्क किया गया था। शुरुआत में तो लोगों ने राहत की उम्मीद जताई, लेकिन अब गुणवत्ताहीन काम की हकीकत सामने आ गई। सोमवार को दिनभर सड़कों पर धूल उड़ती रही, जिससे आमजन खासे परेशान दिखे।

जिम्मेदारों का पक्ष

अधिकारियों का कहना है कि गड्ढों को फिलहाल अस्थायी तौर पर भरा गया था, ताकि त्योहारों के समय आवागमन में परेशानी न हो। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि स्थायी मरम्मत जल्द कराई जाएगी। उनका कहना है कि बारिश के कारण सड़कों पर नमी बनी हुई है, जिसकी वजह से गिट्टी और चूरी टिक नहीं पा रही। नगर निगम ने भी माना कि धूल और गड्ढों से लोग परेशान हो रहे होंगे।

स्वास्थ्य पर असर

धूल का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि हवा में उड़ने वाले कण बहुत सूक्ष्म होते हैं और श्वसन तंत्र के जरिए शरीर में चले जाते हैं। इससे खांसी, कफ, सांस लेने में तकलीफ और संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही धूल के कणों में बैक्टीरिया और फंगस भी मौजूद रहते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग मास्क लगाकर निकलें, मुंह-नाक को कपड़े से ढकें और प्रदूषण से बचाव के उपाय करें।

प्रदूषण का खतरा

प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि फिलहाल शहर की हवा "अच्छी" श्रेणी में है और एक्यूआई 98 दर्ज किया गया है। हालांकि, जहां-जहां धूल उड़ रही है वहां स्थानीय स्तर पर प्रदूषण बढ़ रहा है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति बनी रही तो हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

आगे की राह

स्थानीय लोगों का कहना है कि पैचवर्क सिर्फ औपचारिकता साबित हुआ है। यदि सड़कों की स्थायी मरम्मत न की गई तो हालात और बिगड़ेंगे। फिलहाल उम्मीद यही है कि नवरात्र से पहले स्थायी काम शुरू हो, ताकि लोगों को धूल और गड्ढों से राहत मिल सके।