सरकारी अस्पतालों की एंबुलेंस बनीं सामान ढोने का जरिया
Chhatarpur News: जिले के सरकारी अस्पतालों और सीएमएचओ कार्यालय में कुल 14 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। ये एंबुलेंस गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल लाने-ले जाने के लिए रखी गई हैं। लेकिन इनका उपयोग मरीजों के बजाय सामान ढोने और डॉक्टरों के आने-जाने के लिए किया जा रहा है। इससे कई मरीजों को समय पर मदद नहीं मिल पाती और उनकी हालत बिगड़ जाती है।
सीएमएचओ कार्यालय के पास दो एंबुलेंस हैं, जिनमें से एक खराब है और दूसरी सामान ढोने व डॉक्टरों की सवारी में लगी है। जिला अस्पताल के पास तीन एंबुलेंस हैं, जिनमें से एक खराब है, दूसरी कोविड सामग्री ढोने के काम आ रही है और तीसरी नए वाहन को बिना उपयोग के एक तरफ खड़ा रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने इन एंबुलेंसों में मरीजों को रास्ते में इलाज के लिए जरूरी उपकरण भी लगाए हैं, लेकिन इन्हें ठीक से देखभाल नहीं मिल रही। इससे उपकरण धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं और वाहन में रखी दवाएं भी गायब हो रही हैं।
जिले के बीएमओ कार्यालयों में भी एंबुलेंस उपलब्ध हैं, लेकिन उनका भी सही उपयोग नहीं हो रहा। ये एंबुलेंस मरीजों को लाने के बजाय दवाइयां और अन्य सामग्री ढोने में लगाई जा रही हैं।इससे गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में समस्या आ रही है, जिससे जान जोखिम में पड़ती है।
एंबुलेंस चलाने के लिए जिले में 11 चालक हैं, लेकिन इनमें से कई की ड्यूटी नियमित नहीं लगती। वाहन और चालक दोनों की कमी के कारण वैक्सीन ढोने के लिए भी एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता के अनुसार, इस स्थिति में सुधार की जरूरत है ताकि मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सके।