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पीडब्ल्यूडी की 956 वर्गफीट जमीन निजी बताकर बेची गई

 

Damoh News: दमोह के धर्मपुरा क्षेत्र में जन्नम पैलेस के पास स्थित पीडब्ल्यूडी की जमीन निजी बताकर बेची गई, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। मामला तब उजागर हुआ जब राजस्व विभाग ने 2003 में इस जमीन को निजी संपत्ति में दर्ज कर दिया और फरवरी 2025 में इसे दूसरे व्यक्ति को बेच दिया गया।

जानकारी के अनुसार, चंपालाल रैकवार ने 1960 में जमना और पुरुषोत्तम राठौर भाइयों को 625 वर्गफीट जमीन बेची थी। इस जमीन को दोनों भाइयों ने आधा-आधा बांट लिया था। लेकिन 2003 में राजस्व विभाग ने संशोधन पंजी में भूमि का क्षेत्रफल बढ़ाकर 1581 वर्गफीट दर्ज कर दिया। इस तरह पीडब्ल्यूडी की जमीन 956 वर्गफीट अतिरिक्त आ गई।

फरवरी 2025 में जमना प्रसाद राठौर के परिवार ने अपने हिस्से की 765 वर्गफीट जमीन एक अन्य व्यक्ति को बेच दी। इस जमीन के लिए 14 लाख रुपए का भुगतान हुआ। पीडब्ल्यूडी की जमीन शामिल होने के कारण खरीदार अब पूरे 765 वर्गफीट का कब्जा मांग रहा है, जबकि उनका वैध हिस्सा केवल 312 वर्गफीट था।

स्थानीय पीडब्ल्यूडी एसडीओ ने मौके पर जाकर जांच की। उन्होंने पाया कि एक कमरा सरकारी जमीन में दर्ज था और पटवारी से सही भूमि विवरण मांगा गया है। उप पंजीयक ने विभाग में जांच के लिए 500 रुपए की रसीद कटाई, लेकिन स्थल पर कोई जांच नहीं हुई।

शिकायतकर्ता सुरेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि विवादित जमीन उनके मकान के पास है और खरीदार अब पूरी जमीन पर कब्जा चाहता है। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर, तहसीलदार और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से शिकायत की। कलेक्टर ने ईई को जांच सौंपी, और एसडीओ मनीषा मोगिया को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।

एसडीओ ने बताया कि उन्होंने मौके पर जांच की और पाया कि सड़क के सेंटर से दोनों ओर लगभग 15-15 मीटर जगह पर अतिक्रमण है। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत रजिस्ट्री की कॉपी के आधार पर तहसीलदार को पत्र लिखा गया है। अभी जांच का अंतिम प्रतिवेदन तैयार नहीं हुआ है।

पीडब्ल्यूडी के ईई ने कहा कि मामले की जांच जारी है और रोड तथा बाउंड्री का हिस्सा सरकारी है। उनका कहना है कि जल्द ही स्पष्टता आएगी और यदि अतिक्रमण हुआ है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस विवाद ने स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ा दी है और यह सवाल खड़ा किया है कि सरकारी संपत्ति को निजी बताकर कैसे बेचा जा सकता है।