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अफसरों की लापरवाही से अधूरी 6 सीएम राइज स्कूलें, बार-बार बदली डिजाइन कारण

 

Damoh News: जिले में 6 सीएम राइज स्कूलों का निर्माण विभागीय अफसरों की लापरवाही और अधूरी योजनाओं की भेंट चढ़ गया है। 2023 में पटेरा, जबेरा, दमोह, तेंदूखेड़ा, हटा और पथरिया में इन स्कूलों की मंजूरी एक साथ दी गई थी। टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण एजेंसियों को 18 महीने का समय दिया गया और मार्च 2025 तक स्कूल तैयार करने की सख्त डेडलाइन तय की गई। लेकिन तय समय बीत जाने के बाद भी कोई स्कूल पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया। अब सरकार ने अगस्त 2026 तक का नया लक्ष्य तय किया है।

निर्माण में देरी की सबसे बड़ी वजह अधूरी ड्रॉइंग और बार-बार बदली जाने वाली डिजाइन रही। एजेंसियों का आरोप है कि अनुबंध के समय उन्हें अधूरी ड्रॉइंग सौंपी गई, और काम शुरू होते ही अफसरों ने डिजाइन बदल दी। इसके चलते निर्माण बार-बार रुका। इसके अलावा, सप्लीमेंट्री वर्क के लिए अतिरिक्त काम करा लिया गया, लेकिन उसका भुगतान रोक दिया गया। लगभग पचास-पचास लाख रुपए के बिल अटके होने से ठेकेदारों ने भी काम की गति धीमी कर दी। अभी भी फाइनल डिजाइन एजेंसियों को नहीं मिली है।

स्थानीय स्तर पर निर्माण गड़बड़ियों के उदाहरण भी चौंकाने वाले हैं। तेंदूखेड़ा में पोर्च गलत दिशा में बना, जिसे अब तोड़कर दोबारा बनाना पड़ेगा। यह निर्माण वन विभाग की जमीन और पेयजल पाइपलाइन के बीच हो रहा है। जबेरा में खेल मैदान और पार्किंग की जगह गलती से बदल दी गई। दमोह में खुदाई की अनुमति अटकी है, क्योंकि 10-12 फीट गहराई पर पाइपलाइन है और टूवॉल बनाना आवश्यक है।

पटेरा में लेवलिंग के लिए 9 मीटर मिट्टी और मुरम का उल्लेख था, पर असल में 15 हजार मीटर मिट्टी डाली गई। बार-बार डिजाइन बदलने और भुगतान अटके रहने से एजेंसियों का काम प्रभावित हुआ। हर एजेंसी का 50-50 लाख रुपए अटका हुआ है। इस वजह से स्कूलें अधूरी रह गई हैं और शिक्षा सत्र शुरू होने की संभावना अभी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही।

अधिकारियों का कहना है कि पोर्च और डिजाइन में हुई गलतियों को ठीक कराया जाएगा। बार-बार डिजाइन बदलने और फाइनल ड्रॉइंग न मिलने के कारण निर्माण कार्य में और समय लगेगा। ऐसे में जिले की पहली सीएम राइज स्कूल बिल्डिंग के लोकार्पण की पूर्व तैयारी असमय प्रतीत होती है, जबकि वास्तविकता यह है कि अधिकांश भवन अभी भी अधूरे हैं।