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37 वन ग्राम जल्द होंगे राजस्व ग्राम, सर्वे की प्रक्रिया शुरू

 

Burhanpur News: बुरहानपुर जिले के 37 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके लिए राजस्व और वन विभाग की सीमाओं का निर्धारण किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि सर्वे जल्द ही शुरू होने वाला है। हाल ही में एसडीएम कार्यालय में वन विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई।

गौरतलब है कि इन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने का प्रस्ताव करीब 12 साल से लंबित था। अब सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। जब ये गांव राजस्व ग्राम बन जाएंगे तो ग्रामीणों को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा। अभी तक विकास कार्य कराने से पहले वन विभाग की एनओसी लेना जरूरी होता है, जिससे कई काम रुक जाते थे। लेकिन राजस्व ग्राम बनने पर यह दिक्कत नहीं होगी और सड़क, बिजली, पानी जैसे काम आसानी से हो सकेंगे।

राजस्व ग्राम बनने के बाद जमीन और कृषि से जुड़े अधिकार भी ग्रामीणों को मिल जाएंगे। नामांतरण, बंटवारा जैसी प्रक्रियाएं पटवारी और तहसीलदार के स्तर पर पूरी होंगी। अभी तक ये सभी रिकार्ड वन विभाग के पास रहते हैं। साथ ही गांवों को जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।

प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2024 में पूरे राज्य के 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें बुरहानपुर जिले के 37 ग्राम भी शामिल हैं। इनमें बसाली, गढ़ताल, खामला, सोलाबडीं, उतांबी, आमगांव, चिड़ियापानी, चोंडी, कालापाट, तारापाटी, चिल्लारा, नावथा, सोनुद, मोरझिरी, बदनापुर, हसनपुरा, सागफाटा, अमुल्ला, ढिमानिया सहित कई गांव आते हैं।

वन ग्राम के लोग अभी तक केवल वन विभाग की योजनाओं का ही लाभ ले पा रहे थे, जो बहुत सीमित हैं। लेकिन राजस्व ग्राम बनने पर उन्हें पंचायत और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का भी फायदा मिलेगा। विकास के कामों में तेजी आएगी और लोगों की जीवनशैली सुधरेगी।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के लिए टीम बना दी गई है। इसमें वनाधिकार समिति अध्यक्ष, सचिव, पटवारी और वनरक्षक को शामिल किया गया है। यह टीम गांव-गांव जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी। बैठक में नेपानगर, खकनार और धुलकोट क्षेत्र के अधिकारी भी मौजूद रहे।

सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया से ग्रामीणों को लंबे समय से चली आ रही परेशानियों से राहत मिलेगी और गांवों का विकास तेजी से हो सकेगा।