केन नदी में घड़ियालों के लिए बनाए जाएंगे 3 नए सुरक्षित आवास, बढ़ेगा संरक्षण और प्रजनन
Chhatarpur News: पन्ना टाइगर रिजर्व अब घड़ियाल संरक्षण का राष्ट्रीय मॉडल बनने की ओर बढ़ रहा है। इसके लिए 236 करोड़ की “केन घड़ियाल पुनर्स्थापना योजना” तैयार की गई है, जो ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप प्लान का हिस्सा है। इस योजना के तहत केन नदी में 3 नए स्थानों पर घड़ियालों के आवास विकसित किए जाएंगे, जहां सैंड बैंक, नेस्टिंग साइट और हैचरी की सुविधा होगी। लक्ष्य है कि अगले 10 वर्षों में घड़ियालों की संख्या बढ़ाकर 80 तक पहुंचाई जाए।
वर्तमान में केन घड़ियाल सेंचुरी में केवल एक स्थान – मोहारे घाट – पर ही घड़ियाल पाए जाते हैं, जहां इन्हें चंबल नदी से लाकर छोड़ा गया था। यह स्थान प्राकृतिक रूप से उनके लिए अनुकूल है, जहां पर्याप्त मछलियां, साफ पानी और रेत मौजूद है।
इस योजना में विशेष रूप से एक हैचरी भी विकसित की जाएगी, ताकि अंडों से निकलने वाले घड़ियालों का जीवन सुरक्षित रहे। प्राकृतिक स्थिति में एक साल तक के घड़ियालों का जीवित रहने की दर मात्र 0 से 1% होती है, जबकि संरक्षित हैचरी में यह दर 43 से 97% तक हो सकती है। केन सेंचुरी में इसे 50% तक लाने का लक्ष्य है।पन्ना टाइगर रिजर्व में फिलहाल 13 वर्ग किमी क्षेत्र घड़ियालों के लिए उपयुक्त माना गया है, जिसमें 2.12 वर्ग किमी नया क्षेत्र जोड़ा जाएगा। योजना का क्रियान्वयन ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप काउंसिल और इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड लर्निंग सेंटर द्वारा किया जाएगा।
यह प्रयास केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रभावों को संतुलित करने और बुंदेलखंड के जैवविविधता क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।