छात्र की आत्महत्या पर हंगामा, परिजन ने जताया हत्या का शक, सील खुलवाकर देखे हॉस्टल का कमरा
Jhabau News: झाबुआ में जनजातीय सीनियर बालक छात्रावास के एक कमरे में 11वीं कक्षा के छात्र का शव फंदे से लटका मिलने के बाद मंगलवार को परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मृतक करण (17) पिता वीरेंद्र भाबर, निवासी बोचका, सोमवार को हॉस्टल के कमरे नंबर 10 में मृत पाया गया था। परिवार का आरोप था कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है और आरोपी खिड़की से भाग निकला।
ग्रामीणों और आदिवासी संगठनों के साथ बड़ी संख्या में लोग हॉस्टल के बाहर इकट्ठा हो गए। उनका कहना था कि छात्रावास प्रशासन ने खिड़की की जाली की वेल्डिंग कराकर सबूत छिपाने की कोशिश की है। गुस्साए परिजनों ने कमरे की सील खोलने की मांग की। आखिरकार तहसीलदार मौके पर पहुंचे और कमरा दिखाने के बाद भीड़ शांत हुई।
परिवार ने कहा कि करण खुशमिजाज था और आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। सवाल उठाया गया कि जब हॉस्टल में सुबह से लेकर योग, नाश्ता और पढ़ाई तक का तय कार्यक्रम है तो आखिर दोपहर एक बजे तक किसी ने उसे क्यों नहीं जगाया। यदि समय पर कोई छात्र या वार्डन ध्यान देता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया। सीसीटीवी फुटेज भी परिजनों को दिखाए गए, जिनमें किसी संदिग्ध की आवाजाही नजर नहीं आई। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी।
मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि करण रविवार शाम घर से लौटा था। उसने रात का भोजन नहीं किया और अगले दिन गणित की परीक्षा थी। परिजन मानते हैं कि परीक्षा को लेकर वह तनाव में नहीं था, लेकिन उसकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।