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Indore News: इंदौर का मास्टर प्लान 2041 बदलेगा 79 गांव की सूरत, महानगर की तर्ज पर होगा विकास

इंदौर का मास्टर प्लान वर्ष 2008 में आया था, जो 2021 में खत्म हो गया। प्लान का नया ड्राफ्ट बनाने में चार साल से अधिक लग गए। लंबे समय से इसका इंतजार किया जा रहा था। टीएंडसीपी के नए ड्राफ्ट का प्रकाशन जल्द किया जाएगा, ताकि इसमें शहरवासियों के दावे-आपत्ति और सुझाव लिए जा सकें। प्लान में पर्यावरण सहित कई बदलाव किए जा रहे हैं।
 

Indore News: टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) ने इंदौर का मास्टर प्लान 2041 शहर की सूरत बदले वाला है।  मास्टर प्लान 2041 में इंदौर के साथ लगते  79 गांवों को जोड़ा जाएगा।  इसमें महानगरों की तर्ज पर इंदौर को नई ऊंचाई देने का प्रयास किया गया है। एफएआर डेढ़ से दो गुना किया जा रहा है यानी जमीन के साथ इंदौर अब आसमान की तरफ बढ़ेगा। जमीन की हेराफेरी करने वालों की बदनीयती पर लगाम लगेगी, क्योंकि ग्रीन बेल्ट की जमीन का उपयोग नहीं बदलेगा।

इंदौर का मास्टर प्लान वर्ष 2008 में आया था, जो 2021 में खत्म हो गया। प्लान का नया ड्राफ्ट बनाने में चार साल से अधिक लग गए। लंबे समय से इसका इंतजार किया जा रहा था। टीएंडसीपी के नए ड्राफ्ट का प्रकाशन जल्द किया जाएगा, ताकि इसमें शहरवासियों के दावे-आपत्ति और सुझाव लिए जा सकें। प्लान में पर्यावरण सहित कई बदलाव किए जा रहे हैं।

एफएआर को छह करने की तैयारी

इंदौर में अभी 2.5 से अधिकतम तीन एफएआर हैं, जिससे अधिक ऊंचाई की बिल्डिंग नहीं बन पाती है। यही वजह है कि शहर का विस्तार क्षेत्रफल में हो रहा है। अब एफएआर को बढ़ाकर छह करने की तैयारी है। इससे सुपर कॉरिडोर, बायपास सहित कई चौड़ी सड़कों के प्लॉट मालिकों को सीधा फायदा होगा और उनके क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा। शहर में भी बिल्डिंगों के बनने से दूर-दूर तक बसने वाली कॉलोनियों पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है, जिसे ठीक करने के लिए मास्टर प्लान में इंदौर की चारों दिशाओं में ट्रांसपोर्ट हब व बस स्टैंड प्रस्तावित किए जा रहे हैं। कुमेड़ी व नायता मुंडला में तो बस स्टैंड हो गए हैं। आइडीए ने भोपाल व धार रोड पर भी आइएसबीटी बनाने की घोषणा कर दी है, जिसे मास्टर प्लान में दर्ज किया जाएगा।

खेल मैदानों का होगा विकास

नेहरू स्टेडियम के अलावा इंदौर की हर विधानसभा में खेल मैदान का प्रावधान मास्टर प्लान में किया जा रहा है। खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग लोकेशन पर स्टेडियम प्रस्तावित किए गए हैं।