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इंदौर में बनेगा 70 किलोमीटर लंबा आउटर रिंग रोड, 38 गांव से होकर निकलेगा पूर्वी बाईपास

 

आउटर रिंग(OUTER RING) के पूर्वी हिस्से का अलाइनमेंट भी फाइनल हो गया है। महू में सेना और सात गांवों के किसानों की आपत्ति से अटके इस हिस्से को लेकर भी अब सब कुछ तय हो चुका है। 70 किमी का हिस्सा पूर्वी आउटर रिंग में बनना है। इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की टीम ने जमीनी सर्वे भी शुरू कर दिया है। हालांकि मांगलिया से राऊ सर्कल तक जो सर्विस रोड टू-लेन से फोर-लेन होना है, उसकी मंजूरी अब तक एनएचएआई(NHAI )मुख्यालय से नहीं आई है।

80 मीटर चौड़ी इस सिक्स लेन सड़क में इंदौर, धार, देवास जिले की जमीनें आना हैं। इसके बनने से इंदौर के मौजूदा रिंग रोड 
और बायपास पर ट्रैफिक(TRAFFIC) लोड घटेगा। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत एनएच-52 पर खंडवा (राऊ बायपास टोल नाके के आगे) से शुरू होकर बेटमा, शिप्रा, डबलचौकी, सिमरोल होते हुए खंडवा के पास भरदला गांव तक यह रिंग प्रस्तावित है। कुल 64 गांव में से इसमें 26 गांव पश्चिमी बायपास और 38 पूर्वी बायपास में आते हैं।

कुल 1131.10 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाना है। इसमें 41.81 हेक्टेयर जमीन वन भूमि की है। यह कॉरिडोर चार नदियों गंभीर, सरस्वती, शिप्रा और तिन्छा से गुजरेगा। आउटर बायपास के लिए कुल 1339 हेक्टेयर जमीन चाहिए। 64 किमी लंबे पश्चिमी बायपास के लिए 31 गांवों की जमीन के अधिग्रहण का काम पहले से ही चल रहा है। इसमें पीथमपुर, हातोद, देपालपुर और सांवेर तहसील के गांव शामिल हैं।

38 गांवों से निकलेगा पूर्वी बायपास

70 किमी लंबा पूर्वी बायपास 38 गांवों से निकलना है, जिसमें 5 गांव देवास के हैं। खुड़ैल, सांवेर, बिचौली हप्सी, कनाड़िया और महू तहसील के भी गांव हैं।

एनएचएआई (NHAI)के रीजनल ऑफिसर (REGIONAL OFFICER)एसके सिंह के मुताबिक आउटर रिंग के ईस्टर्न हिस्से का अलाइनमेंट अप्रूव हुआ है। यह 70 किमी का है। हमने सर्वे भी शुरू कर दिया है। बायपास की सर्विस रोड के लिए अभी मंजूरी नहीं आई है।

फोर लेन सर्विस रोड(SERVICE ROAD) के लिए मंजूरी का इंतजार

बायपास(BYPASS) पर मांगलिया (राऊ खेड़ी) से राऊ तक 35 किमी फोरलेन सर्विस रोड (FOURLANE ROAD)बनना है। इसके लिए एनएचएआई(NHAI) ने प्रारंभिक मंजूरी दी है। 700 करोड़ की लागत आनी है। एनएचएआई(NHAI) ने डीपीआर(DPR) बनाने
के लिए प्रस्ताव नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेज दिया है। अब तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। कलेक्टर का कहना है कि सब फाइनल है। एनएचएआई (nhai )के अफसरों से लगातार चर्चा चल रही है।