Entertainment : इस हीरो ने फिल्मों के लीड हीरो को भी छोड़ा पीछे, आज ये शख्स कॉमेडी का किंग कहलाता है
Comedian Satish Shah : आपने हिन्दी फिल्में तो बहुत देखी होगी. हिंदी सिनेमा में कई कॉमेडियन हुए जिन्हें लोग आज भी याद करते है और उकी कॉमेडी को भूल नहीं पाएं है. आज हम आपको एक ऐसे ही कलाकार, हीरो के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को पागल कर दिया.
हम बात कर रहे है एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के चमकते सितारे सतीश शाह की. सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ. सतीश को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. एक्टिंग के चलते वे स्कूल और कॉलेज के ड्रामा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे.
उसके बाद सतीश ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की बारीकियां सीखीं और थिएटर के मंच पर अपनी प्रतिभा को अच्छे से निखारा. बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बड़े पर्दे पर अपनी पहचान बनाई.
सतीश शाह ने अपनी एक्टिंग और कॉमिक टाइमिंग से हिंदी सिनेमा और टेलीविजन पर एक अनोखी छाप छोड़ी है. फिल्मों में छोटा-सा किरदार हो या टीवी पर लंबी पारी दोनों मेंतीश ने अपने दर्शकों को खूब हंसाया है. सतीश शाह ने करियर की शुरुआत टेलीविजन से की.
1980 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला शो ‘ये जो है जिंदगी’ (1984) में सबसे पहले उनका करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. इस शो में उनके किरदार और कॉमिक टाइमिंग से बहुत मशहूर हो गए. सतीश किसी भी साधारण से सीन को अपनी एक्टिंग से उसे खास बना देते थे.
उसके बाद सतीश ने बॉलीवुड में अपना हाथ अजमाया और वे सफल भी हुए. बॉलीवुड में सतीश ने पहले छोटी-छोटी भूमिकाओं निभाई. साल 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ में उनका किरदार छोटा था, लेकिन अपनी एक्टिंग से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा.
ये फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की क्लासिक फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म के बाद सतीश ने कई बड़ी फिल्मों में काम किया जैसे ‘मैं हूं ना’ (2004), ‘फना’ (2006) और ‘ओम शांति ओम’ (2007) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में भी शामिल हैं.
सतीश ने अपनी कॉमेडी हर किरदार में कुछ नया किया. चाहे वह ‘मैं हूं ना’ में ‘प्रोफेसर’ का मजेदार किरदार हो या ‘कल हो ना हो’ में पंजाबी पिता का भावुक रोल, उन्होंने हर बार दर्शकों को प्रभावित किया. वे दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ कहानी की गहराई तक दर्शकों को समझाते है.
साल 2004 में सतीश शाह ने शो ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ से दर्शकों के दिल में अपनी अलग जगह बनाई. इस शो में उनकी और रत्ना पाठक शाह (उनकी पत्नी) की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने हर किसी का दिल जीत लिया.
सतीश के इस शो में इनका किरदार ये था कि जो अपनी पत्नी माया की खिंचाई करता है और बेटे की कविताओं का मजाक उड़ाता है, आज भी दर्शकों को ये शो याद है. ये शो इतना लोकप्रिय हुआ कि इसका दूसरा सीजन भी बनाया गया, जो उतना ही हिट हुआ.
सतीश शाह ने साल 2008 में उन्होंने ‘कॉमेडी सर्कस’ में अर्चना पूरन सिंह के साथ जज की भूमिका भी निभाई. उनके मजेदार कमेंट्स और कॉमेडी का अंदाज शो की जान बन गया.
साथ ही साल 2015 में सतीश शाह को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सोसाइटी का सदस्य नियुक्त किया गया. जहां नए यंग टैलेंट्स को गाइड किया.
सतीश शाह के निजी लाइफ भी ऑन-स्क्रीन छवि की तरह सादगी से भरा और प्यारा है. उन्होंने साल 1972 में मधु शाह से शादी की. उन्होंने कई शो में पत्नी के साथ काम किया.