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Success story: MP के किसान दीपक ने 2 महीने में तरबूज की खेती से कमाई 4 लाख रुपए, लोगों के लिए बने मिसाल

 

Success story: एमपी के बड़वानी जिले के किसान दीपक की आज लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। किसान दीपक ने मात्र दो एकड़ भूमि पर तरबूज की रिकार्ड पैदावार ली है। गर्मी के मौसम में तरबूज की मांग बढ़ने लगी है। बाजार में इन दिनों तरबूज की अच्छी आवक हो रही है। पहले तरबूज का उत्पादन सिर्फ नदियों के किनारे बसे रेतीली जमीन वाले गांवों में होता था। खेतिया के उत्तरी हिस्से में अधिकतर किसान एक ही फसल पर निर्भर रहते हैं। खरीफ सीजन में यहां धान की खेती होती है। जलवायु और सीमित संसाधनों के कारण किसान पारंपरिक खेती करते थे।

किसानों ने तकनीक से बढ़ाया उत्पादन

पिछले कुछ वर्षों में तकनीक के आने से खेती में बदलाव आया है। किसानों ने उत्पादन बढ़ाया और खर्च भी घटाया है। अब किसान उन्नत बीज, खाद और कीटनाशकों के सही उपयोग की जानकारी से बेहतर फसल ले रहे हैं। उपजाऊ काली मिट्टी में भी अब तरबूज की खेती सफल हो रही है। राखी बुजुर्ग गांव के 42 वर्षीय किसान दीपक प्रतापसिंह गिरासे ने दो महीने पहले म्हेसाणा, गुजरात की एक कंपनी से 24 हजार रुपए प्रति किलो की दर से 700 ग्राम बीज खरीदा। 

01 मार्च को उन्होंने खेत में बीज बोए। मलचिंग और ड्रीप सिंचाई तकनीक अपनाई। किसी विशेषज्ञ की मदद नहीं ली। अपने अनुभव से ही फसल की देखभाल की। दीपक पूरे समय खेत में ही रहे। स्प्रे और दवाइयों का छिड़काव भी खुद किया। दो महीने की मेहनत के बाद फसल तैयार हुई। बड़े आकार और लाल रंग के तरबूज देख लोग हैरान
रह गए। 

सिर्फ दो एकड़ में हुआ 7 टन से अधिक उत्पादन

सिर्फ दो एकड़ में 60 टन से ज्यादा तरबूज का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। अच्छी गुणवत्ता के कारण बाहर से भी मांग आई। पहली कटाई में दीपक ने 4 लाख रुपए का तरबूज बेचा। बीज और क दवाइयों पर करीब 90 हजार रुपए खर्च हुए। रबी और खरीफ की व फसलों से उन्हें पहले खास मुनाफा नहीं हुआ था लेकिन मौसमी फसल तरबूज से अच्छा लाभ मिला। इस बार उत्पादन भी ज्यादा हुआ और व भाव भी अच्छे मिल रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी और त्योहारों के कारण तरबूज की मांगव तेजी से बढ़ी है।