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IAS Success Story: ये महिला बनी देश की पहली दिव्यांग IAS अधिकारी, शारीरिक अक्षमता के बावजूद 4 बार किया UPSC में टॉप
 

 

IAS Ira Singhal Success Story : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस  देश सबसे कठिन मानी जाती है. इस परीक्षा को पास करना ओर भी ज्यदा कठिन होता है. सिवल सर्विस इस परीक्षा को तीन भागों में आयोजित करता है.

इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत और उम्मीदवार एक जिद औऱ जुनून होना चाहिए. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है जो देश की पहली दिव्यांग IAS अधिकारी सफलता हासिल की. हम बात कर रहे है IAS इरा सिंघल(IAS Ira Singhal) की.

इरा जन्म से ही दिव्यांग है. IAS इरा  उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई मेरठ और दिल्ली से पूरी की. इरा ने अपनी स्कूलिंग को पूरा करने के बाद दिल्ली के नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक (B.TECH)की डिग्री हासिल की.

उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए(MBA) की डिग्री हासिल की. इरा ने कोका कोला कंपनी में मार्केटिंग इंटर्न के रूप में काम किया और कैडबरी इंडिया में स्ट्रेटजी मैनेजर के रूप में नौकरी की. इरा का बचपन से ही सपना था कि वे डॉक्टर या फिर IAS अधिकारी बने.

इरा के पिता ने समझाया कि दिव्यांग होने के कारण कोई भी तुमसे इलाज करवाने नहीं आएगा. उसके बाद इरा ने ठान लिया की वे UPSC परीक्षा की तैयारी करेगी. इरा बचपन से ही रीढ़ की वक्रता (Spinal curvature) से पीड़ित है, जिसे स्कोलियोसिस कहा जाता है.

इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी सीधी रेखा में न रहकर, एक तरफ या असामान्य रूप से मुड़ जाती है.साल 2010 में इरा ने नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी शुरू कर दी. इरा ने अपने  पहले ही अटेंप्ट में सफलता को हासिल किया और भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के लिए चयनित हुई.

लेकिन 62 प्रतिशत लोकोमोटर दिव्यांगता (Locomotor Disability) के कारण इरा को इस पोस्ट पर ज्वाइन नहीं करने दिया गया. लोकोमोटर विकलांगता एक ऐसी स्थिति है जो किसी व्यक्ति के चलने, फिरने या शारीरिक गतिविधियों को करने की क्षमता को प्रभावित करती है.

इरा ने 2010, 2011 और 2013 तीनों साल UPSC की परीक्षा को पास किया, लेकिन तीनों बार उन्हें IRS के लिए चयनित किया गया. इसलिए इरा चौथी बार इस परीक्षा को दिया और इतिहास रच दिया.

इस बार UPSC परीक्षा पास करके ऑल इंडिया रैंक पहला हासिल किया और IAS के पद पर नियुक्त हुई. इरा को विकलांगता विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय और नीति आयोग का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया. इरा ने अपनी शारीरिक अक्षमता को अपने सपनों के रास्ते में कभी नहीं आने दिया.