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पानी की कमी से पीले पड़ रहे सोयाबीन के फूल, उत्पादन में गिरावट की आशंका

 

Dhaar News: बदनावर तहसील में पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं हुई है, जिससे खेतों में सूखा पड़ने लगा है और मिट्टी में दरारें दिखने लगी हैं। तापमान 34.3 डिग्री के आसपास बना हुआ है, जिसके कारण सोयाबीन की फसल पर असर दिखने लगा है। पौधों का विकास रुक गया है और कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है। किसानों का कहना है कि जिनकी बोवनी जल्दी हुई थी, उनके पौधों में फूल झड़ने की आशंका है, जिससे उत्पादन में 25 फीसदी तक गिरावट आ सकती है।

बदनावर में इस साल करीब 76 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई थी। शुरुआत में अच्छी बारिश होने से किसानों को उम्मीद थी कि फसल अच्छी होगी, लेकिन जुलाई के अंत से बारिश थमने के बाद फसलें मुरझाने लगी हैं। जिन किसानों ने देरी से बोवनी की थी, उनके पौधों के पत्ते पीले होकर गिरने लगे हैं, जिससे उत्पादन में और कमी हो सकती है।

मौसम विभाग ने किसानों को खेतों में डोरे चलाने की सलाह दी है, ताकि नमी बनी रहे, लेकिन जहां फसलें बड़ी हो चुकी हैं, वहां डोरे चलाना संभव नहीं है। तेज धूप के कारण खेतों की नमी भी कम होती जा रही है। 31 जुलाई को आखिरी बार बारिश हुई थी, इसके बाद मौसम साफ हो गया है। इस साल मालवा में खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन ही है, और सितंबर के दूसरे सप्ताह में अर्ली वैरायटी की सोयाबीन पककर बाजार में आ जाएगी। हालांकि पिछले तीन सालों से सोयाबीन के भाव में गिरावट आई है। पहले सोयाबीन का भाव 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था, लेकिन अब इसका भाव 3,325 से 5,000 रुपए प्रति क्विंटल है।

कुछ गांवों में फसलों को पानी की कमी से नुकसान हो रहा है, और गांवों में बारिश की कामना के लिए उज्जैयनी जैसे धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। 10 अगस्त तक बदनावर में इस साल 598 मिमी बारिश हो चुकी है, जो जिले में सबसे अधिक है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि एक-दो दिन में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन फिलहाल तेज बारिश की उम्मीद नहीं है।