पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा, लेकिन प्रोफेसरों की कमी से प्रभावित पढ़ाई
Dhaar News: आलीराजपुर के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को पिछले वर्ष राज्य सरकार ने पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया था। यहां नए कोर्स तो शुरू कर दिए गए, लेकिन विषय विशेषज्ञों की कमी से विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कम्प्यूटर एप्लीकेशन और संस्कृत जैसे विषयों में अब तक एक भी प्रवेश नहीं हुआ है। वहीं बायो टेक्नालॉजी में 80 में से सिर्फ 10 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है।
कॉलेज में करीब पांच हजार विद्यार्थियों के लिए 60 से अधिक पद स्वीकृत हैं, लेकिन पदस्थापना सिर्फ 39 की हुई है। इनमें से भी 17 अतिथि विद्वान हैं। यानी नियमित प्रोफेसर सिर्फ 22 ही हैं। पिछले साल कॉलेज को नया दर्जा मिलने के बाद 20 से ज्यादा पद स्वीकृत हुए थे, लेकिन भर्ती प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी। इस कारण पढ़ाई पूरी तरह अतिथि शिक्षकों पर निर्भर है।
स्थिति यह है कि बीकॉम इन रिटेल ऑपरेशन की 30 सीटों में से 29 खाली हैं। कम्प्यूटर साइंस की 25 सीटों में सिर्फ 5 पर प्रवेश हुआ है। भूगोल विषय की 75 सीटों में से केवल 13 पर दाखिला हुआ है। जबकि एमए हिस्ट्री की 140 सीटों में से 116 भर चुकी हैं। यानी नए कोर्सों में विद्यार्थियों की रुचि बेहद कम है।
कॉलेज प्रशासन के मुताबिक बॉटनी में 6 पद स्वीकृत हैं, लेकिन नियमित सिर्फ 1 है और बाकी अतिथि पढ़ा रहे हैं। केमिस्ट्री में भी 6 पद हैं, जिनमें 1 रेगुलर और 4 अतिथि ही काम संभाल रहे हैं। अंग्रेजी, गणित और एमएसडब्ल्यू जैसे विषय भी अतिथि शिक्षकों के भरोसे हैं। स्पोर्ट्स ऑफिसर का पद तक रिक्त है।
नए कोर्सों के लिए स्वीकृत पद भी खाली हैं। बायो टेक्नालॉजी के 5, ज्योग्राफी के 4 और संस्कृत के 1 पद पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई। कॉलेज की प्राचार्य का पद भी प्रभारी के जिम्मे है।
इस वर्ष यूजी और पीजी में कुल 2660 सीटों पर प्रवेश होना था। अब तक 1514 पर ही दाखिला हो पाया है, जबकि 1146 सीटें खाली हैं। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि बार-बार उच्च शिक्षा विभाग को फैकल्टी की कमी की जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक नियुक्तियां नहीं हुईं।