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सीताफल की ताजा फसल से मंडी में रौनक, पेड़ पर 2-5 टोकरी उपज

 

Dhaar News: मांडू और नालछा की मंडियों में सीताफल की ताज़ा आवक शुरू हो गई है। पहाड़ी इलाके की मिट्टी और सूखे मौसम ने यहां के फलों को अलग मिठास और आकार दिया है, इसलिए ये मांग में रहते हैं। ग्राम स्तर पर पचास से अधिक बगीचे हैं, जिनमें हजारों पेड़ लगे हुए हैं और वर्ष में सियासी व निजी बोली के ज़रिये इनसे आय होती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है और कुछ हिस्से में उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध होता है।

किसानों का कहना है कि इस साल मौसम अनुकूल रहने से प्रति पेड़ औसतन दो से पाँच टोकरी तक फल हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार आवक इस बार अपेक्षाकृत कम है, पर गुणवत्ता अच्छी है, इसलिए कीमतें संतोषजनक बनी हुई हैं। मंडी में सुबह से दोपहर तक कई गाड़ियाँ भरकर फल भेजे गए और रोज़ाना कुछ ट्रक बड़े शहरों की ओर रवाना होते हैं।

बाजार भावों में सीताफल वर्तमान में प्रति किलोग्राम के हिसाब से सौ से डेढ़ सौ रुपये के बीच बिक रहा है, जबकि अलग-अलग किस्मों और किस्तों के अनुसार कीमतें ऊपर-नीचे होती हैं। मांडू के उत्पादों को जोधपुर, जयपुर, अहमदाबाद, इंदौर, पुणे, मुंबई और हैदराबाद तक भेजा जाता है और कुछ भाग विदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं। इससे व्यापारियों को अच्छा मुनाफ़ा और किसानों को स्थिर आय का मार्ग मिलता है।

स्थानीय उत्पादों की पहचान बनाए रखने के लिए किसानों ने मिलकर गुणवत्तापूर्ण खेती और समय पर ताज़ा कटाई पर ज़ोर दिया है। मंडी व्यवस्थापक ने बताया कि बेहतर भंडारण और परिवहन से उपज का मूल्य बचाया जा सकता है। इस मौसम में उपज ठीक रहे तो आने वाले हफ्तों में भी बिक्री बनी रहने की संभावना है, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। और उत्साह बना।