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उदयगढ़ परियोजना कार्यालय में रिश्वत मांगने का आरोप, कर्मचारियों ने इनकार किया

 

Dhaar News: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका की भर्ती के बाद नियुक्ति आदेश देने के नाम पर उदयगढ़ परियोजना कार्यालय में रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है। जनपद सदस्य ने शिकायत के बाद कार्यालय का वीडियो बनाया, जिसमें एक फाइल में 5,000 रुपए रखे हुए दिखाए गए। इस घटना के बाद कलेक्टर ने तुरंत जांच का आदेश दिया।

जांच में जिला परियोजना अधिकारी के नेतृत्व में दोनों कर्मचारियों मुकेश भूरिया और कनेश के बयान दर्ज किए गए। उन्होंने पैसे मांगने की बात से इनकार किया है। शिकायत करने वाली महिला अभ्यर्थी ने बताया कि कार्यालय में फाइल में नोट रखे थे और जब उसने इसकी जानकारी मांगी तो कर्मचारी ने कहा कि पैसे का आदेश किसी अधिकारी ने दिया था। उस समय अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे।

कलेक्टर ने बताया कि अब तक कोई भी प्रत्यक्ष हितग्राही सामने नहीं आया जिसने यह पुष्टि की हो कि उससे पैसे मांगे गए। दोनों कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है और आगे की जांच जारी है। यदि जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले ने कार्यालय की पारदर्शिता और भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। शिकायत मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई करना प्रशासन की जवाबदेही को दर्शाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के मामलों से कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रति जनता का भरोसा प्रभावित होता है।

अभी जांच पूरी होने तक मामले की निष्पक्षता बनाए रखने पर जोर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि सभी प्रक्रियाओं का पालन कर दोषियों को कानूनी रूप से दंडित किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना और समय पर शिकायतों का निवारण करना कितना महत्वपूर्ण है।