Dhaar News: धार जिले में खेल का बुरा हाल: 9 साल बाद भी स्टेडियम अधूरा
Dhaar News: वहीं बदनावर में खेल मैदान लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। यह हाल पेटलावद रोड पर 80 लाख रुपए लागत से बने स्टेडियम के है। 9 साल के बाद भी स्टेडियम अधूरा होने से खिलाड़ी इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। 2014-15 में करीब 80 लाख रुपए की लागत से 39 हजार वर्ग मीटर में निर्माण की स्वीकृति मिली थी।
2015-16 में इसका भूमिपूजन हुआ। आरईएस विभाग निर्माण एजेंसी थी। लेकिन 9 साल के बाद भी खेल मैदान अधूरा है। जबकि राशि का पूरा उपयोग कर लिया है। मैदान में बाउंड्रीवाल के साथ ही गैलरी का निर्माण कर कमरे बना दिए। लेकिन मैदान का समतलीकरण नहीं किया। न तो पेयजल की व्यवस्था की गई और न ही सुविधा घर बनाया।
पथरीली और उबड़-खाबड़ जगह होने से खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। लावारिस अवस्था में होने से यहां बने कमरों में शराबी शराब पीते है। देखरेख के अभाव में बदमाश कमरों से बिजली के बोर्ड, पंखे, बल्ब और कमरों की फर्श तक उखाड़कर ले गए।40 लाख का एस्टीमेट तैयार कर भेजा है: उक्त खेल मैदान ग्राम पंचायत खेड़ा के अधीन आता है। लेकिन इसकी निमार्ण एजेंसी आरईएस विभाग थी। ऐसे में अधूरे स्टेडियम को पंचायत ने अपने अधीन लेने से मना कर दिया था।
अब इस संबंध में आरईएस विभाग के एसडीओ राजेश परमार का कहना है कि खेल मैदान को पूरा करने के लिए करीब 40 लाख की लागत का एस्टीमेट तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है। अभी मंजूरी नहीं मिली है। मैदान की उबड़-खाबड़ जगह को समतलीकरण करने के लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रयास किए जाएंगे। खिलाड़ियों का कहना है सुविधाएं मिले तो खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
खिलाड़ियों को होती है असुविधाः स्टेडियम अनुपयोगी है। जर्जर हो रहा है। खेल मैदान पर सुविधाओं के अभाव में जिला सहित संभाग स्तरीय प्रतियोगिताएं अन्यत्र आयोजित करना मजबूरी है। नगर प्रतिभाओं का धनी है। यहां के कई खिलाड़ी क्रिकेट, कबड्डी, कुश्ती समेत अन्य खेलों में नेशनल तक खेल चुके हैं। खलाड़ियों को अभ्यास में असुविधा का सामना करना पड़ता है। स्टेडियम का कायाकल्प कर इसे सर्वसुविधायुक्त बनाया जाए, तो इन प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है।