दो बार स्वीकृत हुई 10-10 लाख की राशि, फिर भी अधर में लटका गोशाला अस्पताल
Dhaar News: बदनावर क्षेत्र की श्री लक्ष्मी गोशाला में बीमार और घायल गोवंशों के लिए अस्पताल बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है। वर्षों से यहाँ एक सुव्यवस्थित अस्पताल की मांग उठ रही है, लेकिन अभी तक केवल कागज़ी कार्यवाही और अधूरे निर्माण का सिलसिला ही देखने को मिला है। स्थिति यह है कि यहाँ मौजूद गोवंश आज भी बदहाल व्यवस्थाओं के बीच गुजर-बसर कर रहे हैं।
विधायक भंवरसिंह शेखावत ने 2024 और 2025 में अपनी निधि से दो बार 10-10 लाख की राशि स्वीकृत करवाई थी। लेकिन नगर परिषद की लापरवाही, गलत जगह पर निर्माण शुरू करना और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियों जैसी वजहों से यह राशि लौट गई। मूल योजना अस्पताल भवन बनाने की थी, लेकिन परिषद ने चद्दर का शेड खड़ा करना शुरू कर दिया। जब यह बात सामने आई तो स्वयं विधायक ने आपत्ति जताते हुए राशि निरस्त करवा दी। इससे पहले फाइलों में अस्पताल का नाम ही ग़लत दर्ज कर दिया गया था, जिसे सुधारने में महीनों लग गए और पहली किश्त का उपयोग नहीं हो पाया।
वर्तमान में गोशाला में करीब 500 से अधिक गोवंश हैं। जब भी कोई बीमार या घायल होता है तो बाहर से डॉक्टरों को बुलाना पड़ता है। यदि अस्पताल बन जाता तो उपचार की सुविधा तुरंत उपलब्ध हो सकती थी। गोसेवक यशपाल सिंह सिसोदिया के अनुसार गोशाला में 100 बाय 60 फीट का मज़बूत बेस दानदाताओं की मदद से तैयार किया जा चुका है, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा। उन्होंने इसे सिस्टम की लापरवाही और अंदरूनी षड्यंत्र बताया। नगर परिषद के सीएमओ लाल सिंह राठौड़ ने भी माना कि काम ग़लत जगह पर शुरू हुआ था, जिस कारण विधायक ने आपत्ति की और निधि रोक दी गई।
गोशाला की हालत बेहद दयनीय है। निरीक्षण के दौरान यहाँ बीमार और तड़पते गोवंश खुले में पड़े मिले। चारों ओर गंदगी, कीचड़ और अव्यवस्था फैली थी। आश्चर्य यह है कि धार्मिक महत्व रखने वाले बदनावर नगर में दानदाताओं की कभी कमी नहीं रही, फिर भी एक छोटे अस्पताल के लिए अब तक ठोस प्रयास नहीं हो पाए।
विधायक शेखावत ने कहा कि निधि सुरक्षित है। पिछले वर्ष भी समिति के सदस्यों में सहमति नहीं बन पाई थी, इसलिए राशि अन्य कार्यों में लगा दी गई। इस साल भी राशि स्वीकृत हुई है और जैसे ही समिति सहमत होगी, अस्पताल निर्माण के लिए धन उपलब्ध करा दिया जाएगा।