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Ganesh Chaturthi 2025 : क्यों मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का त्यौहार? क्या है इसका महत्व, जानें

 

Ganesh Chaturthi 2025 :  गणेश चतुर्थी का त्योहार सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार भगवान गणपति के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह भादो के महीने में मनाया जाता है जवान तौर पर सितंबर में पड़ता है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि, ज्ञान तथा समृद्धि के देवता माना जाता है। उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए यह त्योहार बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र के रूप में हुआ था। एक कहानी के अनुसार, माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन से गणेश जी की रचना की और उन्हें अपने कक्ष का द्वारपाल नियुक्त किया। जब भगवान शिव कक्ष में प्रवेश करना चाहते थे, तो गणेश जी ने उन्हें रोक दिया।

इस पर भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश जी का सिर काट दिया। माता पार्वती के दुख और आग्रह पर, भगवान शिव ने गणेश जी को पुनर्जीवित किया और उन्हें हाथी का सिर प्रदान किया। इसके बाद, गणेश जी को "गजानन" के नाम से पूजा जाने लगा।

गणेश चतुर्थी का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश का स्वागत करना और उनसे जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने, सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करना है। इस दिन भक्त गणेश जी की प्रतिमा अपने घरों और पंडालों में स्थापित करते हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश जी को मोदक, लड्डू और अन्य प्रसाद अर्पित किए जाते हैं, जो उनके प्रिय माने जाते हैं।

गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू से भी इसका बड़ा महत्व है। इस त्योहार के दौरान लोग मिल-जुलकर पंडाल सजाते हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं, और सामूहिक रूप से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह पर्व सामूहिकता, एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

गणेश चतुर्थी हमें सिखाती है कि जीवन में आने वाली हर कठिनाई को धैर्य, ज्ञान और समर्पण के साथ दूर किया जा सकता है। भगवान गणेश के गुणों को अपनाकर हम अपने जीवन को सफल और सुखमय बना सकते हैं। यह पर्व हमें सकारात्मकता, प्रगति और समृद्धि का मार्ग दिखाता है।