1 नवंबर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 2 लाख पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा ईंधन
Petrol Diesel Updates: गौतमबुद्धनगर जिले के पेट्रोल पंपों पर 1 नवंबर से 2 लाख से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। ये सभी वाहन अपनी वैधता अवधि पूरी कर चुके हैं। परिवहन विभाग ने इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया है। अब तक करीब 40 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से रद्द भी हो चुका है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण सुरक्षा के लिए एनजीटी का आदेश है, जिसके कारण पुराने वाहनों को चलाने पर रोक लगाई गई है। हालांकि, 13,417 वाहनों को यूपी के उन जिलों में ले जाने के लिए अनुमति (एनओसी) दी गई है, जहाँ ये वाहन चलाए जा सकते हैं। यूपी के 33 जिलों में पुराने वाहन चलाने की अनुमति है, जिनमें इटावा, संत कबीर नगर, कुशीनगर, जौनपुर, अमेठी जैसे जिले शामिल हैं। वाहन मालिक एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, यह सुविधा परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों को रोकने और जब्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की टीमें बनाई जाएंगी। इस साल अब तक कई पुराने वाहन जब्त भी किए जा चुके हैं।दिल्ली में भी 1 जुलाई से पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने पर सख्ती की गई है। इसके लिए 500 से ज्यादा पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान कैमरे लगाए गए हैं, जो पुराने वाहनों की पहचान कर पुलिस को अलर्ट भेजेंगे। एनसीआर के पांच जिलों में भी यह नियम 1 नवंबर से लागू होगा।
सीएक्यूएम के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में करीब 44 लाख ऐसे वाहन हैं जो अपनी वैधता पूरी कर चुके हैं, इनमें अधिकतर दोपहिया वाहन शामिल हैं। यह कदम प्रदूषण कम करने और सफाई बढ़ाने के लिए उठाया गया है।