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अमेरिका व यूरोप के इन्वर्टर में मिली चिप, ग्रिड की सेटिंग बदलकर कर सकता है ब्लैक आउट
 

 

अमरीका ने चीनी सौर इनवर्टरों और बैटरियों में पाए गए अज्ञात संचार उपकरणों को लेकर चिंता जताई है। अमरीकी ऊर्जा अधिकारियों के अनुसार, इन उपकरणों से चीन पश्चिमी देशों की ऊर्जा आपूर्ति को बाधित कर सकता है।

 यूरोप के विशेषज्ञों ने भी ऐसी चिंताएं जताई हैं। जांच में सामने आया है कि कई चीनी इनवर्टरों में ऐसे सेलुलर रेडियो और कम्युनिकेशन चिप्स हैं जिनका जिक्र तकनीकी दस्तावेजों में नहीं है। इनसे फायरवॉल को दरकिनार कर रिमोट एक्सेस संभव हो सकता है, जिससे ग्रिड की सेटिंग बदली जा सकती है या पूरी बिजली आपूर्ति रोकी जा सकती है। 

पूर्व एनएसए प्रमुख माइक रॉजर्स ने चेताया कि यह चीन की रणनीति हो सकती है जिससे वह संकट के समय पश्चिमी देशों के ऊर्जा ढांचे को कमजोर कर सके। 

चीन व रूस बनाएंगे चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा प्लांट

चीन और रूस ने चंद्रमा पर एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो 2036 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह संयंत्र अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (आइएलआरएस) को ऊर्जा प्रदान करेगा, जिसका नेतृत्व चीन और रूस संयुक्त रूप से कर रहे हैं।

यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने 2026 के बजट प्रस्ताव में चंद्रमा पर एक कक्षीय स्टेशन की योजना को रद्द करने की बात कही है। यह कदम चीन और रूस की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को और मजबूत करता है, जबकि अमरीका के आर्टेमिस कार्यक्रम को बजट कटौती कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

किया एमओयू

 चीन और रूस ने हाल ही में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत वे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक स्थाई, मानव-नियंत्रित चंद्र आधार स्थापित करने के लिए एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाएंगे। यह संयंत्र आइएलआरएस को ऊर्जा प्रदान करेगा, जो वैज्ञानिक अनुसंधान व दीर्घकालिक मानव रहित संचालन के लिए डिज़ाइन किया है।