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सावधान! कुत्ते बिल्ली के मल से फैल रही है यह गंभीर बीमारी, जयपुर में मिला पहला मामला

 

Rajasthan: कुत्ते बिल्ली के मल से एक गंभीर बीमारी फैल रही है जिसकी वजह से शरीर पर लाल-लाल छपता हो जाता है और मलहम लगाने के बाद भी यह ठीक नहीं होता। जयपुर में इसका पहला मामला मिला है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।

क्यूटेनियस लार्वा माइग्रेंस (सीएलएम) एक त्वचा रोग है जो कुत्ते और बिल्ली के मल में पाए जाने वाले परजीवी कीड़े के लार्वा से होता है। यह बीमारी उन लोगों में आम है जो नंगे पैर मिट्टी या खेतों में चलते हैं। आइए इसके लक्षण और बचाव के उपाय जानते हैं:

लक्षण

त्वचा पर लाल, टेढ़ी-मेढ़ी लकीरनुमा चकत्ते
रात में असहनीय खुजली
खुजली से घाव और पपड़ी बनना
 लंबे समय तक ठीक नहीं होने वाले घाव
लगातार खुजली से त्वचा पर पस और संक्रमण

बचाव के उपाय

नंगे पैर न चलें: मिट्टी या खेतों में नंगे पैर चलने से बचें, खासकर उन जगहों पर जहां कुत्ते और बिल्ली के मल हो सकते हैं।
स्वच्छता बनाए रखें: त्वचा को साफ रखें और नियमित रूप से हाथ और पैर धोएं।
पशुओं की देखभाल करें: पालतू जानवरों को नियमित रूप से कीड़े मारने की दवा दें।
सुरक्षात्मक कपड़े पहनें: खेतों या मिट्टी में काम करते समय सुरक्षात्मक कपड़े और जूते पहनें।

उपचार

दवाएं: डॉक्टर की सलाह से एंटीपैरासिटिक दवाएं जैसे कि अल्बेंडाजोल या आइवरमेक्टिन लेना।
सहायक दवाएं: खुजली और घावों के लिए सहायक दवाएं भी दी जा सकती हैं।

यह बीमारी जानलेवा नहीं है, लेकिन समय पर उपचार जरूरी है। अगर आपको सीएलएम के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें । इस बीमारी से बचने के लिए आपको साफ सुथरा रहना चाहिए इसके साथ ही घर से बाहर निकलते वक्त आपको चप्पल जरूर पहनना चाहिए ताकि कुत्ते बिल्ली का मल आपके पैर में ना लगे। अगर आप चप्पल पहन कर घर से बाहर नहीं निकलते हैं तो आप इस गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।