सैलरी मैनेज करने के लिए अपनाएं 15:65:20 का नियम, आराम से चला सकेंगे खर्च
आपकी सैलरी कम है और आप उसे सही तरीके से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए काम की है। कम सैलरी के बावजूद आप सेविंग कर सकते हैं। इसके अलावा अपने घर का खर्च भी आराम से चल सकता है। ऐसे में आप हर महीने अपनी सैलरी से आया पैसा आराम से खर्च कर सकते हैं। सैलरी बैलेंस के लिए आपको 15:65:20 का नियम अपनाना चाहिए। इससे आपको बहुत ही सुविधा रहेगी। आइए बताते हैं आपको कैसे काम करता है यह नियम।
क्या है सैलरी के सही अनुपात का नियम
इस नियम के अनुसार आप अपनी सैलरी का 65 प्रतिशत हिस्सा अपने जरूरी खर्चों के लिए निकाल लें। 20 प्रतिशत हिस्सा आप अपनी शौक पूरे करने के लिए खर्च कर सकते हैं। वहीं बाकी 15 प्रतिशत हिस्सा आपको निवेश करना चाहिए। इस नियम के अनुसार आप अपने अतिरिक्त खर्च को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके अलावा जरूरी खर्चों को और बेहतर समझ पाते हैं। 20 प्रतिशत हिस्सा बच्चों के जन्मदिन, घूमना, मूवी देखना आदि पर खर्च कर सकते हैं। इस तरह से बढ़ते खर्चे के बीच आप अपना शौक भी पूरा कर सकते हैं। 15 प्रतिशत हिस्सा आपको निवेश करना चाहिए ताकि भविष्य में को देखते हुए एक फंड इकट्ठा किया जा सके। इन पैसों को आप एफडी, पोस्ट ऑफिस योजनाएं, म्यूचुअल फंड या फिर स्टॉक में लगा सकते हैं। यह आप पर निर्भर है कि इस पैसे का निवेश आप अपनी सुविधा के अनुसार कहां करते हैं।
उदाहरण के रूप में इस तरह समझें
मान लीजिए आपकी सैलरी 40 हजार रुपये महीना है। इसमें से आप 65 प्रतिशत यानी 26 हजार रुपये अपने सभी जरूरी खर्च के लिए निकाल सकते हैं। इसमें आप रसोई का खर्च, बच्चों की पढ़ाई का खर्च व अन्य हर महीने होने वाले खर्च रख सकते हैं। इस सैलरी में से 20 प्रतिशत पैसा यानी 8 हजार रुपये अपने शौक पूरा करने के लिए खर्च कर सकते हैं। बाकी बचे 15 प्रतिश्ता यानी 6 हजार रुपये, यह सेविंग के लिए रख सकते हैं।
सेविंग के लिए अनेक प्लेटफार्म
यदि आप अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए अनेक प्लेटफार्म है। इनमें सुरक्षित तथा असुरक्षित प्लेटफार्म हैं। यदि आप अपने पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो किसी बैंक या डाकघर में आप इसकी एफडी करवा सकते हैं। इसमें एक निर्धारित रिटर्न मिलता है। इसके अलावा यदि आप असुरक्षित निवेश की बात करते हैं तो म्यूचुअ फंड या फिर स्टॉक है। म्यूचुअल फंड में आपको 12 से 14 प्रतिशत तक रिटर्न मिलता है, जो आपकी बैंक या डाकघर की एफडी से कहीं ज्यादा है। म्यूचुअल फंड में यदि आपको लाभ लेना है तो अपना निवेश लंबे समय तक करना होगा।