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सिर्फ ₹1 लाख से करोड़पति बनने का आसान तरीका, वॉरेन बफेट की ट्रिक के साथ

 

Compounding: सोचिए, अगर आपके पास सिर्फ 1 लाख रुपए हों और वही रकम समय के साथ 1 करोड़ रुपए बन जाए। सुनने में यह किसी जादू से कम नहीं लगता, लेकिन निवेश की दुनिया में यह सच है। इसे कहते हैं कंपाउंडिंग।

कंपाउंडिंग यानी ब्याज पर ब्याज। सरल भाषा में, जब आप निवेश करते हैं, तो आपको उस पैसे पर ब्याज मिलता है। अगली बार ब्याज का हिसाब सिर्फ मूलधन पर नहीं, बल्कि “मूलधन + पहले का ब्याज” पर होता है। यही चक्र लगातार चलता है और समय के साथ छोटी रकम भी बड़ी रकम में बदल जाती है।

1. मान लीजिए आपकी उम्र 20 साल है और आपने 1 लाख रुपए किसी म्यूचुअल फंड या स्कीम में लगाया, जो सालाना 15% रिटर्न देती है।

2. पहले साल के अंत में आपके पास होंगे 1,15,000 रुपए।

3. दूसरे साल के अंत में बढ़कर होंगे 1,32,250 रुपए।

4. इसी तरह रकम हर साल बढ़ती रहेगी।

अगर आप इसे 25 साल तक बिना निकाले बढ़ने दें, तो 1 लाख रुपए करीब 1 करोड़ रुपए बन जाएंगे। यानी 45 साल की उम्र तक आप सिर्फ छोटी शुरुआत से करोड़पति बन सकते हैं।

कंपाउंडिंग में सबसे जरूरी दो बातें हैं समय और धैर्य। जितना जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना बड़ा फायदा मिलेगा। अक्सर लोग सोचते हैं कि “इतने कम पैसे से क्या होगा” या “बाद में करेंगे,” लेकिन छोटी शुरुआत ही लंबे समय में बड़ा बदलाव लाती है।

दुनिया के सबसे सफल निवेशक वॉरेन बफेट भी यही कहते हैं कि उनका सफलता का राज कंपाउंडिंग और धैर्य है। इसलिए निवेश को पेड़ की तरह समझें जितना जल्दी बोएंगे, उतना बड़ा पेड़ बनेगा और ज्यादा फल देगा।