घर बनाने का सपना होगा पूरा, होम लोन पर 4 प्रतिशत सब्सिडी
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत अब लोगों का घर बनाने का सपना पूरा होने जा रहा है। इसके तहत गरीब तथा मध्यम वर्ग के परिवारों को वित्तीय सहायता दी जा रही है। इस योजना को इसी तरह से बनाया गया है ताकि गरीब लोगों का अपना घर बनाने का सपना पूरा हो सके।
हर किसी व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना घर होना चाहिए। आजकल बढ़ती महंगाई के कारण यह सपना पूरा करना बहुत मुश्किल हो गया है। एक व्यक्ति अपने जीवन में एक बार ही घर बना सकता है और वह भी बहुत मुश्किल से। अब सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत इस सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया है। इस योजना के दूसरे एडिशन यानी PMAY-U 2.0 की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र में घर की लागत को कम करने के लिए सरकार ने विशेष सहायता देने का निर्णय लिया है। इसके तहत आपको किफायती दरों पर लोन मुहैया करवाया जाएगा। सरकार ने इस योजना को चार चरणों में कियान्वित किया है। इनमें लाभार्थी आधारित निर्माण, भागीदारी में किफायती आवास, किफायती किराये का आवास व ब्याज सब्सिडी योजना। कोई भी आवेदक पीएमएवाई-य 2.0 के एकीकृत वेब पोर्टल के जरिये ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदन करते समय आप इन चार चरणों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।
ब्याज सब्सिडी योजना
यदि आप ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके तहत आपको 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज में सब्सिडी मिलती है। इसके लिए आपका ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी परिवारों से संबंध होना चाहिए। यह सब्सिडी आपको पांच वार्षिक किस्तों में दी जाएगी। आप अधिकतम 1.80 लाख रुपये तक सब्सिडी ले सकते हैं। इससे ज्यादा की सब्सिडी आपको नहीं मिल पाएगी। ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट बहुत बड़ी बात है। यह आपके काफी आर्थिक बोझ को कम कर देगी।
मकान बनाने समय ध्यान रखने योग्य बातें
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत यदि आप नए पक्के मकान को बनवाते हैं तो उसमें कम से कम दो कमरे, रसोई घर, एक शौचालय तथा एक स्नानघर होना जरूरी है। इस मकान में अनिवार्य रूप से बुनियादी सुविधाएं बिजली व पानी का कनेक्शन भी होना चाहिए।
परिवारों की कैटेगरी
इस योजना के तहत जिन परिवारों की वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक है, उनको ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में रखा गया है। निम्न आय समूह को एलआईजी कैटेगरी में रखा गया है। इस कैटेरगी के लिए 3 से 6 लाख रुपये तक की आय निश्चित की गई है। मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए आय को 6 लाख से 9 लाख रुपये तक रखा गया है।