रूस ने बढ़ाया भारत से दोस्ताना कदम, कहा- भारतीय सामान को मिलेगा उसके बाजार में बड़ा मौका
India Russia Relation: भारत को अमेरिकी टैरिफ और दबाव का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन रूस ने इसके विकल्प के रूप में भारत के लिए अपने बाजार खोलने का भरोसा दिया है। रूस के उप राजदूत ने कहा कि भारत को उनके यहां से औसतन 5-7% सस्ती दर पर क्रूड तेल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही रूस भारत के निर्यात उत्पादों के लिए अपने बाजार में अवसर बढ़ाएगा।
विशेष रूप से अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर दबाव और 50% टैरिफ लगाए जाने के बावजूद, भारत-रूस ऊर्जा सहयोग जारी है। रूस ने स्पष्ट किया कि यह सहयोग दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। भारत अपनी कुल जरूरत का लगभग 40% कच्चा तेल रूस से खरीदता है।
बाजार खोलने के साथ-साथ रूस ने व्यापार और आर्थिक संबंधों को भी मजबूत करने का संकेत दिया है। भारत और रूस के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए लगातार वार्ता चल रही है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच शिखर सम्मेलन में इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।
रूस ने यह भी कहा कि यदि पश्चिमी देशों का दबाव जारी रहे, तब भी तेल और अन्य उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। पिछले दो वर्षों में भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार सात गुना बढ़ चुका है, जो दोनों देशों के सहयोग की मजबूती को दर्शाता है।
इसके अलावा, भारतीय कंपनियों को रूस के तेल पर कुछ छूट भी मिलती रही है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। रूस ने भारतीय रुपये में भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है, जिससे व्यापार और आसान और सुरक्षित बन गया है।
रूस के इस कदम से न केवल भारत को अमेरिकी टैरिफ के दबाव से राहत मिलेगी, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और ऊर्जा सहयोग भी और मजबूत होगा।