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8th Pay Commission में रिटायर्ड कर्मचारियों की होगी बल्ले-बल्ले, तीन गुना बढ़ेंगे भत्ते  

 

8th Pay Commission: केंद्र सरकार की तरफ से आठवें पे कमीशन लागू करने के लिए अपडेट आ रहे है। जहां पर सरकार की तरफ से कर्मचारी संगठनों से पे कमीशन लागू करने से पहले सुझाव मांगे जा रहे है, वहीं विशेषज्ञों से भी इसको लेकर सुझाव लिए जा रहे है। लेकिन 8th Pay Commission में पेंशनरों को सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा दिया जा सकता है। 

सरकार की तरफ से पेंशनर के भत्तों में तीन गुना बढ़ोतरी करने पर विचार विमर्श किया जा रहा है। आठवां पे कमीशन लागू करने के लिए बनाई गई स्थाई कमेटी इस पर विचार कर रही है और कमेटी की केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कमीशन लागू करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। इसमें रिटायर्ड कर्मचारियों के भत्तों में बढ़ौतरी करने से संबंधित मुद्दे पर भी विचार हुआ है। 

कर्मचारियों ने निश्चित चिकित्सा भत्ता का मुद्दा उठाया

कमेटी की तरफ से आयोजित बैठक में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया। इसमें पेंशनर कर्मचारियों की निश्चित चिकित्सा भत्ता की मांग रखी गई और उसको पुरजोर लागू करने की मांग की। इसमें हेल्थकेयर कॉस्ट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और भत्ते के रूप में जो रकम दी जा रही है, वह पर्याप्त नहीं है।

 इसके बाद तय हुआ कि 8th Pay Commission की सिफारिशों में निश्चित चिकित्सा भत्ता को बढ़ाने के प्रस्ताव को भी शामिल किया जा सकता है। बैठक में निश्चित चिकित्सा भत्ते को 1000 रुपये महीने से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव किया गया है।

क्या है फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस

संयुक्त कर्मचारी परिषद के महामंत्री आरके वर्मा का कहना है कि निश्चित चिकित्सा भत्ता एक मासिक भत्ता है, जो उन पेंशनभोगियों को दिया जाता है जो सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं से नियमित इलाज नहीं कराते और इसके बदले खुद मेडिकल खर्च उठाते हैं। 

यह रकम उन रिटायर कर्मचारियों के लिए बेहद जरूरी है, जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं या जिनके पास सीजीएचएस की सुविधाएं नहीं होती है। फिलहाल सरकार की तरफ से निश्चित चिकित्सा भत्ता के रुपये में 1000 रुपये प्रति माह है, जो 2014 में अंतिम बार संशोधित किया गया था। तब से लेकर आज तक स्वास्थ्य सेवाओं, दवाइयों और डॉक्टरों की फीस में काफी वृद्धि हो चुकी है।