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पांच सालों में निजी बैंकों की जमा हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि, सरकारी बैंकों की घटती पकड़

 

Indian Banking: देश में पिछले पांच सालों से निजी बैंकों की जमा राशि में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जबकि सरकारी बैंकों का हिस्सा गिरता जा रहा है। यूनियन बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2019 में सरकारी बैंकों के पास कुल जमा का 63.2 प्रतिशत हिस्सा था, जो मार्च 2025 तक घटकर 56.3 प्रतिशत रह गया है। यानी सरकारी बैंकों की जमा हिस्सेदारी में करीब छह प्रतिशत की कमी आई है।

वहीं, निजी बैंकों की बात करें तो उन्होंने अपने जमा हिस्से को लगातार बढ़ाया है। पांच साल में निजी बैंकों की हिस्सेदारी 28.6 प्रतिशत से बढ़कर 34.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है। अन्य बैंकों का हिस्सा इस दौरान लगभग स्थिर रहा, जो करीब 8 से 9 प्रतिशत के बीच रहा। खास बात यह है कि निजी बैंकों की बढ़ोतरी ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी देखने को मिली है, जो पहले सरकारी बैंकों का मजबूत क्षेत्र माना जाता था।

वार्षिक आधार पर देखें तो 2023-24 में निजी बैंकों की जमा राशि में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि सरकारी बैंकों ने 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की। यह प्रवृत्ति पिछले वित्त वर्ष में भी कायम रही, जब निजी बैंकों ने 12 प्रतिशत और सरकारी बैंकों ने 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई।इसके अलावा, एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का चालू खाता बैलेंस वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में फिर से सकारात्मक हो गया है। इंडिया रेटिंग्स के अनुसार, यह सरप्लस लगभग सात अरब डॉलर का हो सकता है। इससे पहले लगातार तीन तिमाहियों में चालू खाता नकारात्मक रहा था।