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बीमा पॉलिसी पर जीएसटी छूट देने की तैयारी, सीधे पॉलिसीधारकों को मिलेगा लाभ

 

Insurance: केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव रखा है। फिलहाल इन पॉलिसियों पर 18% जीएसटी वसूला जाता है, जिससे ग्राहकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। सरकार का मानना है कि इस कदम से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और बीमा को अपनाने की प्रवृत्ति भी बढ़ेगी।

बीमा पर गठित मंत्रियों के समूह की बैठक में अधिकांश राज्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि कुछ राज्यों ने शर्त रखी कि कर कटौती का फायदा केवल बीमा कंपनियों को न मिले, बल्कि इसका लाभ सीधे पॉलिसीधारकों तक पहुंचे। तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लु भट्टी विक्रमार्क ने कहा कि केंद्र और राज्य इस पर सहमत हैं कि कोई ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे लाभ पारदर्शी तरीके से आम लोगों तक पहुंचे।

जानकारों का कहना है कि अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो सरकार को करीब 9,700 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है। फिर भी, इसे जीएसटी सुधारों की अगली पीढ़ी का हिस्सा माना जा रहा है। इसमें यह भी सुझाव है कि जीएसटी की दरें केवल दो स्तरों 5% और 18% पर सीमित की जाएं।

सितंबर 2024 में गठित मंत्री समूह ने इस संबंध में राज्यों से राय ली थी और अब अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपेगा। परिषद अंतिम फैसला लेगी कि बीमा प्रीमियम पर पूरी छूट दी जाए या दरें घटाई जाएं।

वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से 8,262 करोड़ रुपये और पुनर्बीमा से 1,484 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में वसूले थे। ऐसे में छूट लागू होने पर सीधे आम जनता को राहत मिलेगी और बीमा का दायरा भी बढ़ने की उम्मीद है।