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Pension funds : पेंशन फंड्स को गोल्ड निवेश बढ़ाने की तैयारी, पेंश नियामक जल्द लेगी फैसला 

भारत में तेजी से बढ़ते रिटायरमेंट फंड्स का रिटर्न बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। रिपोर्ट में कुछ सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि बीते दिनों रिटायरमेंट फंड मैनेजर्स ने पीएफआरडीए के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।

 

अब पेंशन के रुपये को सरकार की तरफ से गोल्ड में निवेश करने की तैयारी की है। पेंशन नियामक पीएफआरडीए कुछ खास तरह के निवेश पर पाबंदियां हटाने पर विचार कर रहा है। इसमें गोल्ड ईटीएफ शामिल हैं। पेंशन फंड्स 15.5 लाख करोड़ रुपए के विशाल पोर्टफोलियो के लिए निवेश के विकल्प तलाश रहे हैं। इसमें से एक हिस्सा गोल्ड ईटीएफ में आने पर घरेलू बाजार में सोने की मांग में उछाल आएगा।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम भारत में तेजी से बढ़ते रिटायरमेंट फंड्स का रिटर्न बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। रिपोर्ट में कुछ सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि बीते दिनों रिटायरमेंट फंड मैनेजर्स ने पीएफआरडीए के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।

इसमें गोल्ड इंटीएफ में निवेश की अनुमति मांगी गई। उन्होंने ये भी बताया कि नियामक इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। पीएफआरडीए ने गोल्ड निवेश पर एक मसौदा नियम भेजकर पेंशन फंड्स से उनकी राय मांगी है। महामारी के बाद से भारत के पेंशन फंड्स की कुल संपत्ति तीन गुना से अधिक हो गई है।

फंड रिटर्न बढ़ाने के लिए गोल्ड, रीट्स में निवेश की कवायद तेज

फंड मैनेजर्स पर तेजी से बढ़ रहे रिटायरमेंट फंड्स का रिटर्न बढ़ाने का दबाव है। इसीलिए उन्होंने गोल्ड ईटीएफ के साथ ही रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) में निवेश के नियमों में भी ढील देने की मांग की है। मौजूदा नियामक ढांचे के तहत गोल्ड, रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड्स को ऑल्टरनेटिव (वैकल्पिक एसेट्स) माना जाता है।

इनमें पेंशन फंड्स सिर्फ 5% तक निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में पेंशन फंड्स के निवेश की 5% सीमा हटाने से भारत के पहले से ही बढ़ते गोल्ड निवेश सेगमेंट को बढ़ावा मिल सकता है। फंड मैनेजर्स का कहना है कि यह कदम न सिर्फ पेंशन फंड्स को अधिक विविधता और बेहतर रिटर्न के मौके देगा, बल्कि गोल्ड ईटीएफ बाजार को भी और मजबूती देगा। एनपीएस निवेश 4 श्रेणियों में है- इक्विटी, कॉरपोरेट व सरकारी बॉन्ड और वैकल्पिक निवेश फंड। इसमें रीट्स, इनविट्स, गोल्ड इंटीएफ हैं।

30 प्रतिशत जोरदार रिटर्न का आकर्षण

 ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक कुछ सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ मसलन, निप्पॉन इंडिया ईटीएफ गोल्ड, एसबीआई ईटीएफ गोल्ड और एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ की वैल्यू करीब 30 प्रतिशत बढ़ गई है। इस जोरदार रिटर्न को देखते हुए पेंशन फंड्स गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

एयूएम सिर्फ 1 साल में 96 प्रतिशत बढ़ा

इस साल जुलाई के अंत तक भारतीय गोल्ड ईटीएफ कुल 67,600 करोड़ रुपए की संपत्ति मैनेज (एयूएम) कर रहे थे। यह एक साल पहले की स्थिति के मुकाबले 96% ज्यादा है। बीते महीने इनकी कुल गोल्ड होल्डिंग भी 68 टन के स्तर पर पहुंच गई। इसमें 1.2 टन की बढ़ोतरी हुई।